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आज से 16 अगस्त तक रहेगा अधिकमास, जान लें क्‍या करें क्‍या ना करें?

आज से अधिकमास शुरू हो गया है. अधिकमास में श्रीहरि विष्णु की पूजा का महत्व है. इस मास में कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे.अधिकमास में मंगल कार्यों की अपेक्षा विशेष पूजा और व्रत रखने के कार्य किए जाते हैं.

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Published : Jul 18, 2023, 2:09 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 1:50 PM IST

आज से 16 अगस्त तक रहेगा अधिकमास

हल्द्वानी: तीन साल में आने वाला अधिकमास इस बार सावन मास के 18 जुलाई यानी आज से शुरू होकर 16 अगस्त तक चलेगा. इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. ये महीना भगवान विष्णु का प्रिय माह कहलाता है. इस महीने में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. लेकिन पूजा-पाठ और भक्ति के अधिकमास बहुत ही पवित्र माना गया है. मान्यता है कि अधिकमास में भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक हिंदू पंचांग के अनुसार साल मलमास 18 जुलाई यानी आज से 16 अगस्त तक रहेंगे. श्रावण मास के शिवरात्रि के 15 दिन बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार अधिकमास पड़ने के कारण 30 दिन और देरी से होगा. ऐसे में सावन शिवरात्रि और रक्षाबंधन के बीच 46 दिन का अंतर हो रहा है.ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक अधिक मास में किसी तरह का मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किया जाता है. किसी भी मांगलिक या शुभ काम के लिए गुरु ग्रह का प्रबल होना बेहद जरूरी है. लेकिन मलमास के दौरान इस ग्रह का प्रभाव काफी कम होता है.
पढ़ें-Harela 2023: उत्तराखंड में आज से हरेला पर्व का आगाज, जानें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

अधिकमास के दौरान मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी न करें. मसूर दाल, उड़द दाल, प्याज-लहसुन बासी खाना, आदि का सेवन बिल्कुल भी न करें.अधिक मास में नामकरण, श्राद्ध, तिलक, मुंडन, कर्णछेदन, गृह प्रवेश, विवाह आदि शुभ व मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.अधिकमास में मकान, दुकान, वाहन आदि की खरीदारी नहीं करना चाहिए.अधिकमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है इस दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. अन्न, वस्त्र और जल का दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. श्रीमद् भागवत और भगवत गीता का पाठ करना लाभदायक माना जाता है. पवित्र नदी में स्नान दान से सभी तरह के कष्ट से मुक्ति मिलती है.

आज से 16 अगस्त तक रहेगा अधिकमास

हल्द्वानी: तीन साल में आने वाला अधिकमास इस बार सावन मास के 18 जुलाई यानी आज से शुरू होकर 16 अगस्त तक चलेगा. इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. ये महीना भगवान विष्णु का प्रिय माह कहलाता है. इस महीने में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. लेकिन पूजा-पाठ और भक्ति के अधिकमास बहुत ही पवित्र माना गया है. मान्यता है कि अधिकमास में भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक हिंदू पंचांग के अनुसार साल मलमास 18 जुलाई यानी आज से 16 अगस्त तक रहेंगे. श्रावण मास के शिवरात्रि के 15 दिन बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार अधिकमास पड़ने के कारण 30 दिन और देरी से होगा. ऐसे में सावन शिवरात्रि और रक्षाबंधन के बीच 46 दिन का अंतर हो रहा है.ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक अधिक मास में किसी तरह का मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किया जाता है. किसी भी मांगलिक या शुभ काम के लिए गुरु ग्रह का प्रबल होना बेहद जरूरी है. लेकिन मलमास के दौरान इस ग्रह का प्रभाव काफी कम होता है.
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अधिकमास के दौरान मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी न करें. मसूर दाल, उड़द दाल, प्याज-लहसुन बासी खाना, आदि का सेवन बिल्कुल भी न करें.अधिक मास में नामकरण, श्राद्ध, तिलक, मुंडन, कर्णछेदन, गृह प्रवेश, विवाह आदि शुभ व मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.अधिकमास में मकान, दुकान, वाहन आदि की खरीदारी नहीं करना चाहिए.अधिकमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है इस दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. अन्न, वस्त्र और जल का दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. श्रीमद् भागवत और भगवत गीता का पाठ करना लाभदायक माना जाता है. पवित्र नदी में स्नान दान से सभी तरह के कष्ट से मुक्ति मिलती है.

Last Updated : Aug 16, 2023, 1:50 PM IST
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