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किसानों के लिए चिंता भरी खबर, अम्लीयता बढ़ने से जहरीली हुई उपजाऊ भूमि - gaula news

अम्लीयता यानी एसिड की बढ़ने को काफी खतरनाक माना जाता है.  जो लिहाजा आने वाले दिनों में खेती को नुकसान पहुंचा सकता है. गौलापार की मिट्टी में एसिड की मात्रा मानक से ऊपर पहुंच चुकी है.

एसिड की मात्रा बढ़ने से किसानों की बढ़ी चिंता.
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Published : May 21, 2019, 12:35 PM IST

हल्द्वानी: शहर के गौलापार क्षेत्र की भूमि काफी उपजाऊ मानी जाती है. लेकिन हाल में हुए मृदा परीक्षण के जो परिणाम सामने आए हैं वो बेहद चौकाने वाले हैं. अब यहां की मिट्टी में अम्लीयता यानी एसिड की मात्रा बढ़ चुकी है. जो किसानों को लिए बुरी खबर से कम नहीं है.

गौर हो कि मिट्टी में अम्लीयता यानी एसिड बढ़ने को काफी खतरनाक माना जाता है. जो लिहाजा आने वाले दिनों में खेती को नुकसान पहुंचा सकता है. गौलापार की मिट्टी में एसिड की मात्रा मानक से ऊपर पहुंच चुकी है. इससे ना सिर्फ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम हो रही है बल्कि इससे उगाई जाने वाली फसल भी सेहत के लिए अच्छी नहीं है. सहकारिता के क्षेत्र अहम योगदान रखने वाली इफको की तरफ से लगाये गए जांच शिविर में एक्सपर्ट ने जब मिट्टी की जांच की तो उन्हें मिट्टी में अम्लीयता बढ़ाने वाले तत्व मिले. जो चिंता का विषय है.

जहरीली हो रही गौलापार की जमीन

मिट्टी की पीएच वैल्यू 6.58 के बीच होनी चाहिए, लेकिन इस जांच में यह वैल्यू मानकों से कम निकलने से किसान खासे चिंतित हैं. अधिकारियों के मुताबिक यह बेहद चिंतनीय है, अब अगर भूमि को उपजाऊ बनाना है तो खेतों में सूखा चूना और लकड़ी के बुरादे का प्रयोग किया जा सकता है.

हल्द्वानी: शहर के गौलापार क्षेत्र की भूमि काफी उपजाऊ मानी जाती है. लेकिन हाल में हुए मृदा परीक्षण के जो परिणाम सामने आए हैं वो बेहद चौकाने वाले हैं. अब यहां की मिट्टी में अम्लीयता यानी एसिड की मात्रा बढ़ चुकी है. जो किसानों को लिए बुरी खबर से कम नहीं है.

गौर हो कि मिट्टी में अम्लीयता यानी एसिड बढ़ने को काफी खतरनाक माना जाता है. जो लिहाजा आने वाले दिनों में खेती को नुकसान पहुंचा सकता है. गौलापार की मिट्टी में एसिड की मात्रा मानक से ऊपर पहुंच चुकी है. इससे ना सिर्फ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम हो रही है बल्कि इससे उगाई जाने वाली फसल भी सेहत के लिए अच्छी नहीं है. सहकारिता के क्षेत्र अहम योगदान रखने वाली इफको की तरफ से लगाये गए जांच शिविर में एक्सपर्ट ने जब मिट्टी की जांच की तो उन्हें मिट्टी में अम्लीयता बढ़ाने वाले तत्व मिले. जो चिंता का विषय है.

जहरीली हो रही गौलापार की जमीन

मिट्टी की पीएच वैल्यू 6.58 के बीच होनी चाहिए, लेकिन इस जांच में यह वैल्यू मानकों से कम निकलने से किसान खासे चिंतित हैं. अधिकारियों के मुताबिक यह बेहद चिंतनीय है, अब अगर भूमि को उपजाऊ बनाना है तो खेतों में सूखा चूना और लकड़ी के बुरादे का प्रयोग किया जा सकता है.



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स्लग- उपजाऊ भूमि पर संकट 
bhawnath pandit / haldwani



एंकर- हल्द्वानी का गौलापार इलाका जहाँ की मिट्टी सोना उगलती है औऱ खेती ही यहाँ के लोगो के लिए आर्थिकी का बेहतर जरिया भी है, लेकिन हाल में हुए मृदा परीक्षण के जो परिणाम सामने आए वो बेहद चौकाने वाले हैं, अब यहाँ की मिट्टी में अम्लीयता यानी एसिड की मात्रा बढ़ चुकी है, जो आने वाली दिनों में खेती के लिहाज़ से बेहद खतरनाक साबित होने वाला है। गौलापार की मिट्टी में एसिड की मात्रा मानक से ऊपर हो चुकी है, इससे ना सिर्फ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम हो रही है बल्की इससे उगाई जाने वाली फसल जनता की सेहत के लिए अच्छी नही है, सहकारिता के क्षेत्र अहम योगदान रखने वाली इफको की तरफ से लगाये गए जांच शिविर में एक्सपर्ट्स से जब मिट्टी की जांच की तो सामने आया की अम्लीयता लगातार बढ़ रही है। मिट्टी की पीएच वैल्यू 6.5-8 के बीच होनी चाहिए लेकिन इस जांच में यह वैल्यू इस मानक से कम है, अधिकारियों के मुताबिक यह बेहद चिंतनीय है, अब अगर भूमि को उपजाऊ बनाना है तो खेतों में सूखा चूना औऱ लकड़ी के बुरादे का प्रयोग किया जा सकता है।

बाइट- दीपक कुमार, इफ्को अधिकारी

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