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सलमान खुर्शीद के घर आगजनी मामला, जमानत पर रिहा आरोपियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के घर आगजनी का मामले में जमानत पर रिहा दो आरोपियों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका साफ तौर पर कहना है कि पुलिस ने निर्दोषों को जेल भेज दिया और नामजद को छोड़ने का काम किया है.

salman khurshid nainital house vandalism
सलमान खुर्शीद के घर पर आगजनी
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Published : Jan 18, 2022, 8:33 PM IST

Updated : Jan 18, 2022, 9:01 PM IST

नैनीतालः पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के आवास पर आगजनी-पथराव और फायरिंग मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार आगजनी मामले में जमानत पर रिहा हुए दो आरोपियों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि पुलिस ने जबरन निर्दोषों को जेल में डाल दिया. जबकि, नामजद आरोपियों को पहुंच के चलते गिरफ्तार नहीं किया गया है.

गौर हो कि बीती 15 नवंबर 2021 को हिंदूवादी संगठनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के सतखोल (सतोली) स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. साथ ही आगजनी-पथराव और फायरिंग भी की गई थी. जिसके बाद केयरटेकर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें केयरटेकर ने बताया था कि प्रदर्शन के नाम पर कई लोग घर में घुसे और उनके परिवारजनों के साथ मारपीट की. साथ ही परिवार के सभी लोगों को जान से मारने की धमकी दी और घर पर फायरिंग भी की.

जमानत पर रिहा आरोपियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप.

ये भी पढ़ेंः सलमान खुर्शीद के घर आगजनी के मामले में तीन आरोपियों को मिली जमानत

वहीं, केयर टेकर की तहरीर पर पुलिस ने भवाली थाने में दो नामजद समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 452, 436 एवं 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस ने कुछ लोगों को 18 नवंबर को गिरफ्तार भी किया था. आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त किया गया 32 बोर का तमंचा भी बरामद किया गया था.

वहीं, मामले में बीजेपी नेता कुंदन चिलवाल समेत अन्य लोगों का नाम भी सामने आया था. जिसके बाद कुंदन चिलवाल हाईकोर्ट की शरण में गए. जहां से हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर स्टे लगाया था. जबकि, बीती 5 जनवरी को मामले में गिरफ्तार तीन आरोपी उमेश मेहता, राजकुमार मेहता और कृष्ण सिंह को नैनीताल हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.

ये भी पढ़ेंः सलमान खुर्शीद के घर फायरिंग-आगजनी मामला, पुलिस की गिरफ्त से अभी भी दूर नामजद आरोपी

हाईकोर्ट में आरोपियों ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वो इस वारदात में शामिल नहीं थे. कुछ लोगों की ओर से राजनीतिक कारणों के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया. उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है. इस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है, न ही एफआईआर में उनका नाम दर्ज है. इतना ही नहीं उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है. जिसके कारण उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिस पर कोर्ट ने उन्हें रिहा करने के आदेश दिए.

अराजकतत्व बताकर भेजा जेलः वहीं, आगजनी मामले में जमानत पर रिहा हुए आरोपित चंदन न्याल और उमेश मेहता ने मीडिया से मुखातिब होकर खुद को बेगुनाह बताया है. उनका साफ कहना है कि मुख्य आरोपी अभी भी बाहर घूम रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने क्षेत्रीय बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बयान देकर उन्हें अराजकतत्व बताकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. जबकि, वो लोग घटना वाले दिन केवल प्रदर्शन स्थल में मौजूद थे.

ये भी पढ़ेंः फॉरेंसिक टीम ने सलमान खुर्शीद के घर से जुटाए सबूत, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें जुटीं

उनका कहना है कि उनमें से कोई भी आगजनी और घटनास्थल पर गए भी नहीं थे. केयर टेकर की ओर से आगजनी के दौरान जिनकी शिनाख्त की गई थी, उनकी गिरफ्तारी ही नहीं हुई है. पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि उनको बात करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

क्यों मचा बवाल? दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्‍या: नेशनहुड इन अवर टाइम्‍स' (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times) में हिंदुत्व पर टिप्पणी की थी. किताब में हिंदुत्व की तुलना जिहादी ग्रुप आईएसआईएस और बोको हराम से की गई. खुर्शीद की किताब में एक चैप्टर 'द सैफ्रन स्काई' को लेकर बवाल मचा था.

नैनीतालः पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के आवास पर आगजनी-पथराव और फायरिंग मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार आगजनी मामले में जमानत पर रिहा हुए दो आरोपियों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि पुलिस ने जबरन निर्दोषों को जेल में डाल दिया. जबकि, नामजद आरोपियों को पहुंच के चलते गिरफ्तार नहीं किया गया है.

गौर हो कि बीती 15 नवंबर 2021 को हिंदूवादी संगठनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के सतखोल (सतोली) स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. साथ ही आगजनी-पथराव और फायरिंग भी की गई थी. जिसके बाद केयरटेकर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें केयरटेकर ने बताया था कि प्रदर्शन के नाम पर कई लोग घर में घुसे और उनके परिवारजनों के साथ मारपीट की. साथ ही परिवार के सभी लोगों को जान से मारने की धमकी दी और घर पर फायरिंग भी की.

जमानत पर रिहा आरोपियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप.

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वहीं, केयर टेकर की तहरीर पर पुलिस ने भवाली थाने में दो नामजद समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 452, 436 एवं 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस ने कुछ लोगों को 18 नवंबर को गिरफ्तार भी किया था. आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त किया गया 32 बोर का तमंचा भी बरामद किया गया था.

वहीं, मामले में बीजेपी नेता कुंदन चिलवाल समेत अन्य लोगों का नाम भी सामने आया था. जिसके बाद कुंदन चिलवाल हाईकोर्ट की शरण में गए. जहां से हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर स्टे लगाया था. जबकि, बीती 5 जनवरी को मामले में गिरफ्तार तीन आरोपी उमेश मेहता, राजकुमार मेहता और कृष्ण सिंह को नैनीताल हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.

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हाईकोर्ट में आरोपियों ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वो इस वारदात में शामिल नहीं थे. कुछ लोगों की ओर से राजनीतिक कारणों के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया. उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है. इस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है, न ही एफआईआर में उनका नाम दर्ज है. इतना ही नहीं उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है. जिसके कारण उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिस पर कोर्ट ने उन्हें रिहा करने के आदेश दिए.

अराजकतत्व बताकर भेजा जेलः वहीं, आगजनी मामले में जमानत पर रिहा हुए आरोपित चंदन न्याल और उमेश मेहता ने मीडिया से मुखातिब होकर खुद को बेगुनाह बताया है. उनका साफ कहना है कि मुख्य आरोपी अभी भी बाहर घूम रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने क्षेत्रीय बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बयान देकर उन्हें अराजकतत्व बताकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. जबकि, वो लोग घटना वाले दिन केवल प्रदर्शन स्थल में मौजूद थे.

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उनका कहना है कि उनमें से कोई भी आगजनी और घटनास्थल पर गए भी नहीं थे. केयर टेकर की ओर से आगजनी के दौरान जिनकी शिनाख्त की गई थी, उनकी गिरफ्तारी ही नहीं हुई है. पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि उनको बात करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

क्यों मचा बवाल? दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्‍या: नेशनहुड इन अवर टाइम्‍स' (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times) में हिंदुत्व पर टिप्पणी की थी. किताब में हिंदुत्व की तुलना जिहादी ग्रुप आईएसआईएस और बोको हराम से की गई. खुर्शीद की किताब में एक चैप्टर 'द सैफ्रन स्काई' को लेकर बवाल मचा था.

Last Updated : Jan 18, 2022, 9:01 PM IST
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