हल्द्वानीः उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर चुनाव लड़कर जीत का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी ने सल्ट उपचुनाव में ही अपने हाथ खड़े कर लिए हैं. सल्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव में आम आदमी पार्टी द्वारा अपना प्रत्याशी नहीं खड़े किए जाने पर पार्टी ने अपना बचाव किया है. पार्टी ने कहा कि सीएम ने खुद सल्ट उप चुनाव ना लड़कर जनता पर चुनाव का डबल बोझ लादने का काम किया है.
आम आदमी पार्टी द्वारा सल्ट उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किए जाने पर आम आदमी पार्टी अब विपक्षियों के निशाने पर है. कांग्रेस ने जहां आम आदमी पार्टी को बीजेपी की समर्थित पार्टी बताया है. वहीं, सल्ट उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़े किए जाने के सवाल पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू ने कहा कि पार्टी नेताओं द्वारा संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया जा रहा है. उप चुनाव लड़ने को लेकर किसी तरह की कोई तैयारी नहीं की गई थी. आगामी 2022 के चुनाव पूरी मजबूती से लड़ने की तैयारी चल रही है और आम आदमी पार्टी मुख्य धारा के रूप में प्रकट होगी.
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साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को सल्ट उपचुनाव लड़ना चाहिए था. क्योंकि 6 महीने के भीतर मुख्यमंत्री को विधानसभा चुनाव जीतना होगा. अगर मुख्यमंत्री सल्ट से चुनाव लड़ते तो प्रदेश की जनता पर दोबारा उपचुनाव का बोझ नहीं पड़ता.