नैनीताल: देश के किसी भी टाइगर रिजर्व में पर्यटन को लेकर निर्धारित गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने हाल ही में गाइडलाइन का पालन कराने को लेकर एडवाइजरी जारी की है. अब कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर सफारी के दौरान जिप्सी के बीच 500 मीटर का गैप रखने को कहा गया है.
जानकारी के अनुसार यह एडवाइजरी देश के अन्य टाइगर रिजर्व की तरह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को भी भेजी गई है. आशंका जताई जा रही है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को देखना अब और मुश्किल हो सकता है. साल 2012 में जारी गाइडलाइन के अनुसार पर्यटकों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है. जिसमें सफारी के दौरान लगातार चल रही वाहनों के बीच कम से कम 500 मीटर की दूरी रखनी है.
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वहीं पार्क सूत्रों के अनुसार इस नियम का पालन ठीक से नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण वन्य प्राणियों की साइट के दौरान भीड़ जमा हो जाती है. इससे एक जिप्सी में निर्धारित पर्यटकों की संख्या का कोई मतलब नहीं रह जाता है. माना जा रहा है कि इससे वन्य प्राणियों के रहवास में फर्क पड़ता है. इंसानी दखल भी बढ़ जाता है.
इस गाइडलाइन का पालन सख्ती से कराए जाने की सलाह दी जा रही है. इस आदेश को लेकर वन्य प्राणी प्रेमियों में निराशा झलक रही है. वन्य प्रेमी बबली मेहता का कहना है कि इससे टाइगर रिजर्व पर्यटन समाप्त हो जाएगा. पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने की आजादी नहीं रहेगी. टाइगर साइट वैसे ही मुश्किल होती है. उनका कहना है कि अब तो यह और भी मुश्किल हो जाएगा. पर्यटन को पहले ही बहुत सीमित कर दिया गया है.