हल्द्वानी: पूरा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मना रहा है. आजकल लोगों में अवसाद लगातार बढ़ रहा है, इसी वजह से आत्महत्या कर लेते हैं. अवसाद के कारण आत्महत्या की लगातार बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिछले सात महीनों में 263 लोगों ने आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली है.
बता दें कि साल 2003 से प्रति वर्ष 10 सितंबर को विश्व में आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में आत्महत्या को लेकर बढ़ते मामले को रोकने है. आत्महत्या की समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है.
कुमाऊं मंडल में आत्महत्या के आंकड़े-
हल्द्वानी की मनोचिकित्सक डॉ. नेहा शर्मा के मुताबिक खुदकुशी करने का मुख्य कारण लोगों में जल्दी बाजी और जल्द गुस्सा आना है. कई बार परिवारिक कलह के चलते लोग आत्महत्या कर लेते हैं. छोटे बच्चों में पढ़ाई की तनाव और डिप्रेशन खुदकुशी का सबसे बड़ा कारण है. कई घटनाएं ऐसी भी सामने देखी जाती हैं, जहां नशे की गिरफ्त में आकर लोग हिम्मत हार कर खुदकुशी कर लेते हैं.
पढ़ें- हल्द्वानी: भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर लोगों ने दी श्रद्धांजलि
मनोचिकित्सक की सलाह
उन्होंने बताया कि खुदकुशी से बचने के लिए लोगों को खुद को मजबूत होने की जरूरत है. लोगों को धैर्य रखने के साथ-साथ एकांतवास से भी बचने की जरूरत है. किसी भी समस्या से लड़ने की आवश्यकता है. किसी को लगता है कि वह मानसिक तनाव में है और खुदकुशी करने की स्थिति में है, तो उसको परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों से विचार-विमर्श कर अपना इलाज कराएं.