हरिद्वारः गरीब दासी आश्रम में युवा भारत साधु समाज के संतों ने दिवंगत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान युवा भारत साधु समाज समिति के पदाधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें उन्होंने स्वामी आनंद गिरि को समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया. युवा भारत साधु समाज के पदाधिकारियों के अनुसार अब आनंद गिरि का समिति से कोई संबंध नहीं रहा है.
बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि ने बीती 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघम्बरी पीठ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था. इस सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच चल रही है. इस नोट में दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के चेले आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद और आद्या प्रसाद के पुत्र संदीप प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में कर रही है.
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आनंद गिरि का सुसाइड नोट में नाम आना और उसकी हरिद्वार से गिरफ्तारी के बाद युवा भारत साधु समाज के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर आनंद गिरि को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है. युवा भारत साधु समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि स्वामी महंत नरेंद्र गिरि का आकस्मिक चले जाना संत समाज के लिए बड़े दुख और खेद का विषय है. महंत नरेंद्र गिरि सनातन परंपराओं का विश्व स्तरीय चेहरा थे. पूरा संत समाज उनके आकस्मिक निधन से आहत है.
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पदाधिकारियों का कहना है कि युवा भारत साधु समाज महंत नरेंद्र गिरि के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है. जहां तक आनंद गिरि महाराज की बात है, उन्हें अपनी समिति में पद देकर सम्मान दिया था. आज उन्हें युवा भारत साधु समाज के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है. भविष्य में उनका समिति से कोई संबंध नहीं है. महंत नरेंद्र गिरि की आकस्मिक मृत्यु जांच का विषय है. उनकी सरकार से मांग है कि जो भी जांच में दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. बता दें कि बीते 13 जून को स्वामी आनंद गिरि को युवा भारत साधु समाज का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था.