हरिद्वार: ब्रह्मपुरी बस्ती के ग्रामीण लंबे समय से जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी को की है. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी ने सुध नहीं ली, जिससे ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों ने ओवरब्रिज के निर्माण की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि इस रेलवे ट्रैक के आसपास ही उनके बच्चे खेलते हैं. उन्हें हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाए. उन्होंने कहा कि आज तक रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान कई लोगों की मौत हो चुकी है.
आपको बता दें कि, ब्रह्मपुरी बस्ती में रहने वालों की आबादी पंद्रह हजार से ज्यादा की है. ग्रामीण रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार कर शहर जाते हैं. वहीं, दो साल पहले जर्जर हो चुके रेलवे ओवरब्रिज के गिर जाने के बाद से अभी तक इसका निर्माण नहीं कराया गया है. जनप्रतिनिधि इसे बनाने का बहाना लगातार रेलवे पर डालते आ रहे हैं. बता दें कि, ब्रह्मपुरी बस्ती रेलवे स्टेशन हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर स्थित है. हरिद्वार के मुख्य बाजार में आने के लिए इस बस्ती के लोग ओवरब्रिज के गिरने के बाद से रेलवे ट्रैक पार कर रहे हैं.
स्थानीय लक्ष्मी घोष का कहना है कि ब्रिज टूटने के बाद जिस जगह से हम लोग रास्ता पार करते थे, उस जगह पर कुंभ में बैरिकेडिंग लगा दी गई है. जिसकी वजह से यहां के लोगों को अब और ज्यादा परेशानी होने लगी है. यहां पर कई बार लोग ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान भी गवां चुके हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग लोगों को होती है. उन्हें घूम कर लंबा रास्ता तय कर बाजार तक जाना पड़ता है.
स्थानीय राम सहाय का कहना है कि यह ओवरब्रिज अंग्रेजों के टाइम का बना हुआ था, जिसे कुछ समय पहले तोड़ दिया गया. इस पुल के न होने के कारण अब लंबा रास्ता तय करके बाजार में जाना पड़ता है. कोई बीमार आदमी हो तो उसे भी घूमकर अस्पताल लेकर जाना पड़ता है. जिससे ग्रामीण परेशान हैं.
ब्रह्मपुरी निवासी सुमन का कहना है कि 50 साल पुराने इस रेलवे ओवरब्रिज को तोड़कर तो रख दिया, लेकिन अब कोई इसे बनवाने को तैयार नहीं है. इस रेलवे लाइन को पार करके रोजाना महिलाएं, बच्चे शहर में जाते हैं जिससे हर समय डर बना रहता है. अब रेलवे या प्रशासन को इस पुल को जल्द से जल्द तैयार कर यहां के लोगों को राहत देनी चाहिए.
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स्टेशन अधीक्षक एमके सिंह का कहना है कि जब यह ओवरब्रिज क्षतिग्रस्त हुआ था, उस समय इलाके के लोगों की तरफ से एक प्रार्थना पत्र इसे बनवाने के लिए आया था. जिसे हमने इंजीनियरिंग विभाग को प्रेषित कर दिया था. लेकिन उसके बाद इसमें अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. यह कब तक बनेगा इसके बारे में इंजीनियरिंग विभाग ही स्थिति को स्पष्ट कर सकता है.