रुड़की: भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां श्रद्धा और विश्वास का संगम न केवल शहरों बल्कि गांव देहातों में भी देखने को मिलता है. हरिद्वार धर्म और अध्यात्म की ऐसी अनुपम नगरी है जहां हर दिन अधिकांश आश्रमों से धर्म और अध्यात्म आधारित उपदेश गूंजते हैं तो वहीं, रुड़की के पिरान कलियर से सूफियों के मानव कल्याण का संदेश देते प्रवचन सुनाई देते हैं.
दुनिया को विश्व बंधुत्व का संदेश देती पिरान कलियर, दुनियाभर में वैचारिक स्तर पर लड़ रहे लोगों को ईश्वर के एक होने का संदेश देती है. इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है इसका प्रतीक भी पिरान कलियर को माना जाता है. इसका प्रमाण पवित्र माह रमजान में देखने को मिलता है. रमजान में दरगाह साबिर पाक परिसर में सभी धर्मों के लोग एक साथ बैठकर रोजा इफ्तार करते हैं. इस दौरान हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या इसाई सभी एक साथ बैठकर रोजा इफ्तारी में हिस्सा लेते हैं और एकता का संदेश देते हैं.
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हिंदू धर्म के लोग दरबारे साबरी में मुस्लिम समाज के लोगों का रोजा इफ्तार भी कराते हैं. इसके साथ ही कई गैर मुस्लिम लोग रोजा रखकर भी दरबार में आते हैं और अन्य जायरीन के साथ ही रोजा इफ्तार करते हैं. पिछले कई सालों से दरगाह दफ्तर की ओर से रोजा इफ्तारी का इंतजाम किया जाता है. इसके साथ ही अन्य आस्थावान लोग भी दरबार में रोजा इफ्तार कराते हैं, कोई मीठा शरबत वितरित करता है तो कोई फल आदि वितरित करता है.