हरिद्वार: अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ व यति नरसिंहानंद फाउंडेशन की महासचिव डॉ उदिता त्यागी ने यति नरसिंहानंद गिरि और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा कि दोनों को बहुत ही मामूली धाराओं में जेल में बंद किया गया है. जबकि देहरादून में हुए ऐसे ही कार्यक्रम में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्होंने 12 फरवरी को गाजियाबाद डीएम कार्यालय से देहरादून सीएम आवास तक अकेले पदयात्रा करने का ऐलान किया है.
इस दौरान डॉ उदिता ने यति नरसिंहानंद गिरि एवं जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की जान को खतरा बताया है. उन्होंने कहा दोनों को ही बहुत मामूली धाराओं में जेल में बंद किया गया है. उनका ज्यादा दिन जेल में रहना सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा इतनी बड़ी जिहाद की लड़ाई के खिलाफ वे दोनों जेल में बंद हैं.
पढ़ें- सियासी 'रण' में तल्खी भरे जुबानी तीर, कांग्रेस प्रत्याशी ने गणेश जोशी को बताया 'फौज का भगोड़ा'
ऐसे में वे अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय से देहरादून सीएम आवास तक 232 किलोमीटर की पदयात्रा करने जा रही हैं. जिसकी शुरुआत वे तब करेंगी, जब गाजियाबाद में चुनाव समाप्त हो चुके होंगे. उत्तराखंड में प्रवेश तब करेंगी, जब यहां भी चुनाव पूरी तरह से संपन्न हो जाएगा.
पढ़ें- किच्छा में हरीश रावत का हुआ था इंतकाल, लालकुआं में आत्मा का होगा तारण: राजेश शुक्ला
उन्होंने कहा हेट स्पीच के जिस मामले में पुलिस ने धाराएं लगाई हैं, वह बहुत ही मामूली हैं. यदि पुलिस वास्तव में निष्पक्ष होकर कार्रवाई करती तो देहरादून में भी इसी तरह का एक जलसा हुआ था. जिसमें जिहादियों ने खुलेआम मरने मारने की बात मंचों से की थी, लेकिन अभी तक उसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई. उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश में दो तरह के कानून चल रहे हैं. जब एक मामले में मेरा भाई जेल जा सकता है तो उसी तरह के दूसरे मामले में दूसरे पक्ष को अब तक क्यों जेल नहीं भेजा गया.