हरिद्वार: उत्तराखंड के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले के खुलासे के लिए कोर्ट में पीआईएल लगाने वाले पंकज लांबा की 5 दिसंबर को गोली लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में परिवार वालों ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस में तहरीर दी थी. जिसके बाद हरिद्वार की रानीपुर पुलिस ने पत्नी की तहरीर के आधार पर पंकज लांबा के दो दोस्त मानव और कासिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
घटना के वक्त पार्टी कर रहे थे लांबा
दरअसल, घटनाक्रम के वक्त वैध कॉलोनी में सोशल एक्टिविस्ट और आरटीआई कार्यकर्ता पंकज लांबा एक परिवार के साथ पार्टी कर रहे थे. दो नाबालिग लड़कियां भी पार्टी में शामिल थीं. पंकज ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल एक लड़की को दे दी और लड़की ने जब गोली चलाई तो वो सीधे पंकज के गले में जा लगी. हालांकि, पंकज की पत्नी ने हत्या की आशंका जताते हुए दो लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है.
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वहीं, रानीपुर कोतवाली इंचार्ज योगेश देव ने बताया कि इस मामले में पंकज लांबा की पत्नी ने तहरीर दी थी. उन्होंने तहरीर में बताया था कि मानव और कासिम घर से पंकज लांबा को साइट पर चोरी होने की बात कहकर ले गए थे. जिसके बाद रात करीब 3 बजे उनको कासिम ने सूचना दी कि पंकज को गोली लगी है. इसी को देखते हुए पुलिस द्वारा दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
पंकज लांबा के प्रयास से खुला था 350 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला
पंकज लांबा ने कई RTI फाइल की थीं, जिनके आधार पर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए SIT का गठन हुआ था. उत्तराखंड के SC-ST छात्रों की स्कॉलरशिप में 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था. प्रदेश के करोड़ों रुपये के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर साल 2013 में RTI के जरिए पहली बार जानकारी मांगने वाले पंकज लांबा ही थे.
मेरठ निवासी थे पंकज लांबा
पंकज लांबा मूलरूप से मेरठ के दौराला कस्बे के पास मछरी गांव के रहने वाले थे. आरटीआई कार्यकर्ता पंकज लांबा का परिवार लंबे समय से हरिद्वार के सुमननगर में रह रहा है. लांबा आरटीआई कार्यकर्ता के साथ ही कांग्रेस में भी सक्रिय थे. उन्हें लोग दलित नेता के रूप में भी जानते थे.