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निःशब्द...नेत्रहीन बुजुर्गों ने लॉकडाउन में भी नहीं हारी आस, बोझ उठाये पैदल तय किया 'सफर'

उत्तर प्रदेश के हरदोई से दो नेत्रहीन बुजुर्ग हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए थे. लॉकडाउन के चलते यहीं फंस गए थे. इन्हें ना तो सही से खाना मिल पा रहा था और ना ही अपनी पीड़ा किसी को बता पा रहे थे. आखिरकार हिम्मत करके इन्होंने पैदल ही यूपी के हरदोई जाने की ठान ली. आइए आपको बताते हैं फिर क्या हुआ...

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Published : May 21, 2020, 3:07 PM IST

Updated : May 22, 2020, 10:47 AM IST

Lockdown Special
हरिद्वार लॉकडाउन न्यूज

हरिद्वारः लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा गरीबों और मजदूरों पर पड़ रहा है. महामारी काल में सड़कों पर ऐसे हृदय विदारक दृश्य भी देखने को मिल रहे हैं जिन्हें देखकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे. ऐसा ही कुछ हरिद्वार में देखने को मिला है. दो नेत्रहीन बुजुर्गों समेत तीन लोग पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर यूपी के हरदोई जाने के लिए निकल पड़े. इस पैदल सफर में एक बुर्जुग महिला और लाठी ही इनका एकमात्र सहारा थी. किसी समाजसेवी ने इन बुजुर्गों की व्यथा सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकारियों तक पहुंचाई तो सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने इन बुजुर्गों को हरदोई पहुंचाने का इंतजाम किया.

हरिद्वार से पैदल ही घर के लिए हरदोई के नेत्रहीन बुजुर्ग.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते करीब 2 महीने से ये आंखों से दिव्यांग बुजुर्ग हरिद्वार में फंसे हुए थे. इन्हें न तो सही से खाना मिल पा रहा था और न ही अपनी पीड़ा किसी को बता पा रहे थे. जब पेट की आग नहीं बुझ पाई तो नेत्रहीन बुजुर्गों ने हिम्मत कर सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करने की ठानी. ये लोग उन रास्तों पर निकल पड़े जिन पर पैदल चलना इनके लिए खतरनाक भी हो सकता था. तभी ऊपर वाले ने इनके लिए एक मसीहा भेज दिया.

ये भी पढ़ेंः भूख-धूप-प्यास सब अच्छी है साहब...बस अब घर जाना है

एक समाजसेवी ने इन जन्मांध बुजुर्गों का हाल जाना और इनका एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसके बाद आला अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया. इसमें हरिद्वार के सीईओ अभय प्रताप सिंह एक मसीहा बन गए. उन्होंने अपने खर्च से कार से इनके घर जाने की व्यवस्था कर मानवता की मिसाल पेश की.

इन बुजुर्गों का कहना था कि वो जन्म से ही अंधे हैं. हरिद्वार से पैदल चलकर लक्सर जा रहे थे. वहां से कोई साधन मिल जाता तो वो हरदोई जाते. बुजुर्गों ने कहा कि उनके सामने रहने और खाने की समस्या खड़ी हो गई थी. इस कारण वो घर जाना चाहते थे. सीओ सिटी अभय सिंह का कहना है लॉकडाउन से पहले ये लोग हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए थे और लॉकडाउन के चलते यहीं पर फंसे हुए थे. इन लोगों के पैदल वापस जाने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस को मिली थी.

उन्होंने कहा कि पुलिस की टीम भेजकर इनसे संपर्क किया गया था. साथ ही उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था की गई, लेकिन वो घर वापस जाना चाहते थे. आंखों से दिव्यांग इन बुजुर्गों को एक निजी कार से यूपी के हरदोई भेजा गया है. सीओ सिटी ने कहा कि दुखी लोगों की सहायता करना मानवता का धर्म भी है. पुलिस के हर एक जवान को मानवता भी दिखानी चाहिए, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति संवेदना बनी रहे.

हरिद्वारः लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा गरीबों और मजदूरों पर पड़ रहा है. महामारी काल में सड़कों पर ऐसे हृदय विदारक दृश्य भी देखने को मिल रहे हैं जिन्हें देखकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे. ऐसा ही कुछ हरिद्वार में देखने को मिला है. दो नेत्रहीन बुजुर्गों समेत तीन लोग पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर यूपी के हरदोई जाने के लिए निकल पड़े. इस पैदल सफर में एक बुर्जुग महिला और लाठी ही इनका एकमात्र सहारा थी. किसी समाजसेवी ने इन बुजुर्गों की व्यथा सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकारियों तक पहुंचाई तो सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने इन बुजुर्गों को हरदोई पहुंचाने का इंतजाम किया.

हरिद्वार से पैदल ही घर के लिए हरदोई के नेत्रहीन बुजुर्ग.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते करीब 2 महीने से ये आंखों से दिव्यांग बुजुर्ग हरिद्वार में फंसे हुए थे. इन्हें न तो सही से खाना मिल पा रहा था और न ही अपनी पीड़ा किसी को बता पा रहे थे. जब पेट की आग नहीं बुझ पाई तो नेत्रहीन बुजुर्गों ने हिम्मत कर सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करने की ठानी. ये लोग उन रास्तों पर निकल पड़े जिन पर पैदल चलना इनके लिए खतरनाक भी हो सकता था. तभी ऊपर वाले ने इनके लिए एक मसीहा भेज दिया.

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एक समाजसेवी ने इन जन्मांध बुजुर्गों का हाल जाना और इनका एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसके बाद आला अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया. इसमें हरिद्वार के सीईओ अभय प्रताप सिंह एक मसीहा बन गए. उन्होंने अपने खर्च से कार से इनके घर जाने की व्यवस्था कर मानवता की मिसाल पेश की.

इन बुजुर्गों का कहना था कि वो जन्म से ही अंधे हैं. हरिद्वार से पैदल चलकर लक्सर जा रहे थे. वहां से कोई साधन मिल जाता तो वो हरदोई जाते. बुजुर्गों ने कहा कि उनके सामने रहने और खाने की समस्या खड़ी हो गई थी. इस कारण वो घर जाना चाहते थे. सीओ सिटी अभय सिंह का कहना है लॉकडाउन से पहले ये लोग हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए थे और लॉकडाउन के चलते यहीं पर फंसे हुए थे. इन लोगों के पैदल वापस जाने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस को मिली थी.

उन्होंने कहा कि पुलिस की टीम भेजकर इनसे संपर्क किया गया था. साथ ही उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था की गई, लेकिन वो घर वापस जाना चाहते थे. आंखों से दिव्यांग इन बुजुर्गों को एक निजी कार से यूपी के हरदोई भेजा गया है. सीओ सिटी ने कहा कि दुखी लोगों की सहायता करना मानवता का धर्म भी है. पुलिस के हर एक जवान को मानवता भी दिखानी चाहिए, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति संवेदना बनी रहे.

Last Updated : May 22, 2020, 10:47 AM IST
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