रुड़कीः उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) का आगाज हो गया है. चारधाम यात्रा को लेकर यात्री और पर्यटक उत्तराखंड की ओर रुख करने लगे हैं. इसे देखते हुए प्रशासन ने नारसन बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी है. प्रशासन ने बिना वैक्सीनेशन के यात्रियों की उत्तराखंड में एंट्री बंद कर दी है. अब उत्तराखंड में वो ही लोग प्रवेश कर सकेंगे, जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है या फिर जो बॉर्डर पर बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर पर टीका लगवा रहे हैं.
उत्तराखंड में आज से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. चारधाम यात्रा के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आने की उम्मीद जताई जा रही है. कोरोना महामारी के बीच चारधाम यात्रा के संचालन को लेकर शासन-प्रशासन ने कमर कस ली है. नारसन बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है, जहां उत्तराखंड में बिना वैक्सीनेशन के प्रवेश कर रहे यात्रियों को रोका जा रहा है. बॉर्डर पर वैक्सीनेशन कैंप भी लगाए गए हैं, जहां यात्रियों को वैक्सीन भी लगाई जा रही है. वहीं, वैक्सीन लगने के बाद ही यात्रियों को राज्य में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.
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गौर हो कि महाकुंभ मेला और कांवड़ यात्रा के दौरान भी नारसन बॉर्डर पर सख्ती बरती गई थी. उस दौरान बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट और स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के बिना एंट्री नहीं दी गई. इतना ही नहीं कांवड़ियों को हरिद्वार में प्रवेश पर रोक लगाई गई. जबकि, कांवड़ियों को बॉर्डर पर गंगा जल मुहैया कराया गया. अब चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई है तो बॉर्डर पर फिर से सख्ती बढ़ा दी गई है.
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बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जबकि, चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, प्रदेश के लोगों को पंजीकरण की कोई जरूरत नहीं है.
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इन राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सख्तीः वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.