रुड़की: आईआईटी रुड़की और एनआइएच के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय वाटर कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. यह कॉन्क्लेव 26 फरवरी से 28 फरवरी तक आइआइटी रुड़की में आयोजित होगा. जिसका फोकस हाइड्रोलॉजिकल एस्पेक्ट्स ऑफ क्लाइमेट चेंज पर होगा. वहीं, कॉन्क्लेव में 23 विदेशी और भारत के 11 विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे.
मंगलवार को आइआइटी रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी और एनआइएच के निदेशक डॉ. शरद जैन ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान आइआइटी रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि वाटर कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें जलशक्ति मंत्रालय के सचिव उपेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और अपने विचार रखेंगे. साथ ही कॉन्क्लेव में महानिदेशक एनएमसीजीए और अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी समेत कई लोग मौजूद रहेंगे.
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वहीं, कॉन्क्लेव में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, स्पेन, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड, यूके, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, इटली के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और इसरो जैसे शीर्ष राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा करेंगे. जबकि, इस कॉन्क्लेव में मुख्य रूप से बाढ़, सूखा और उनके प्रबंधन पर चर्चा होगी.
साथ ही कहा कि कार्यक्रम का फोकस "हाइड्रोलॉजिकल एस्पेक्ट्स ऑफ क्लाइमेट चेंज" पर होगा. वर्तमान में जलवायु परिवर्तन और जल संसाधनों पर इसका प्रभाव सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक पर्यावरणीय चुनौती है.