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प्रशासन के नोटिस से खफा बैरागी कैंप के तीन अखाड़े, सरकार को दी चेतावनी

बैरागी कैंप के तीनों अखाड़ों के साधु-संतों ने स्पष्ट किया गया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे महाकुंभ में शाही स्नान का बहिष्कार करेंगे.

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बैरागी कैंप
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Published : Aug 30, 2020, 6:59 PM IST

हरिद्वार: बैरागी कैंप में तीन अखाड़ों को प्रशासन की तरफ से धार्मिक संरचनाओं को हटाने का नोटिस मिला है. शासन और प्रशासन से मिले इस नोटिस का श्री पंच निर्माणी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और श्री पंच निर्मोही अखाड़े ने विरोध किया है. तीनों अखाड़ों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ये नोटिस वापस नहीं लिया गया तो वे 2021 के कुंभ मेले में सरकार और अखाड़ा परिषद की ओर दी जाने वाली कोई भी सुविधा नहीं लेंगे.

बता दें कि 2010 के कुंभ मेले में इन तीनों अखाड़ों ने बैरागी कैंप में सिंचाई विभाग की भूमि पर मंदिर समेत कुछ अन्य निर्माण कराए थे, लेकिन 2021 कुंभ मेले के लिए प्रशासन ने इन निर्माणों को हटाने के लिए नोटिस जारी किया है. जिसको लेकर तीन अखाड़ों के संतों ने अपनी नारजगी जताई है.

प्रशासन से खफा साधु संत.

पढ़ें- हरकी पैड़ी पर दीवार का निर्माण कार्य जल्द होगा पूरा, केंद्रीय मंत्री कर सकते हैं लोकार्पण

श्री पंच निर्मोही अखाड़े के श्री महंत धर्मदास ने कहा कि सरकार को अपना ये आदेश वापस लेना चाहिए. यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे कुंभ मेला प्रशासन द्वारा दी जाने वाली किसी भी सुविधा को नहीं लेंगे.

श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत कृष्ण दास महाराज कहा कि वे नोटिस का जवाब देने के बचाए सरकार से मांग करते है कि परंपरा के अनुसार बैरागी कैंप की जमीन को आरक्षित किया जाए और दूसरा तीनों अखाड़ों का यहां स्थायी निवासी बनाया जाए. यदि सरकार के ऐसा नहीं करती है तो वे कुंभ मेले की किसी भी बैठक में नहीं जाएंगे और वे कुंभ मेले में सिर्फ गंगा स्नान करेंगे. अगर अखाड़ा परिषद भी उनका साथ नहीं देता तो वे उसका भी विरोध करेंगे. सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए की दी जाने वाली राशि उन्हें नहीं चाहिए. उन्हें बस बैरागी कैंप में अखाड़ों का स्थायी निर्माण चाहिए.

पढ़ें- अखाड़ा परिषद का बयान- मुस्लिम अब अल्पसंख्यक नहीं, लागू हो यूनिफॉर्म सिविल कोड

इस बारे में श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर शासन और प्रशासन से जितने भी मीटिंग हुई है उसमें उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी मौजूद थे. ऐसे में बैरागी अखाड़ों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा है. कुंभ मेले अखाड़ों की आरक्षित भूमि होना चाहिए जैसे कि बैरागी कैंप कनखल की है. अगर बैरागी कैंप में अतिक्रमण है तो हटना चाहिए. बाद में जहां जितने भी वैष्णव अखाड़े पड़ते हैं, उनकी स्थायी भूमि होनी चाहिए. उन्हें दु:ख है कि बैठक में सीएम दूसरे साधुओं का एजेंडा और परेशानियां रख रहे हैं, लेकिन उनके बैरागी कैंप को लेकर कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

हरिद्वार: बैरागी कैंप में तीन अखाड़ों को प्रशासन की तरफ से धार्मिक संरचनाओं को हटाने का नोटिस मिला है. शासन और प्रशासन से मिले इस नोटिस का श्री पंच निर्माणी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और श्री पंच निर्मोही अखाड़े ने विरोध किया है. तीनों अखाड़ों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ये नोटिस वापस नहीं लिया गया तो वे 2021 के कुंभ मेले में सरकार और अखाड़ा परिषद की ओर दी जाने वाली कोई भी सुविधा नहीं लेंगे.

बता दें कि 2010 के कुंभ मेले में इन तीनों अखाड़ों ने बैरागी कैंप में सिंचाई विभाग की भूमि पर मंदिर समेत कुछ अन्य निर्माण कराए थे, लेकिन 2021 कुंभ मेले के लिए प्रशासन ने इन निर्माणों को हटाने के लिए नोटिस जारी किया है. जिसको लेकर तीन अखाड़ों के संतों ने अपनी नारजगी जताई है.

प्रशासन से खफा साधु संत.

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श्री पंच निर्मोही अखाड़े के श्री महंत धर्मदास ने कहा कि सरकार को अपना ये आदेश वापस लेना चाहिए. यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे कुंभ मेला प्रशासन द्वारा दी जाने वाली किसी भी सुविधा को नहीं लेंगे.

श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत कृष्ण दास महाराज कहा कि वे नोटिस का जवाब देने के बचाए सरकार से मांग करते है कि परंपरा के अनुसार बैरागी कैंप की जमीन को आरक्षित किया जाए और दूसरा तीनों अखाड़ों का यहां स्थायी निवासी बनाया जाए. यदि सरकार के ऐसा नहीं करती है तो वे कुंभ मेले की किसी भी बैठक में नहीं जाएंगे और वे कुंभ मेले में सिर्फ गंगा स्नान करेंगे. अगर अखाड़ा परिषद भी उनका साथ नहीं देता तो वे उसका भी विरोध करेंगे. सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए की दी जाने वाली राशि उन्हें नहीं चाहिए. उन्हें बस बैरागी कैंप में अखाड़ों का स्थायी निर्माण चाहिए.

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इस बारे में श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर शासन और प्रशासन से जितने भी मीटिंग हुई है उसमें उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी मौजूद थे. ऐसे में बैरागी अखाड़ों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा है. कुंभ मेले अखाड़ों की आरक्षित भूमि होना चाहिए जैसे कि बैरागी कैंप कनखल की है. अगर बैरागी कैंप में अतिक्रमण है तो हटना चाहिए. बाद में जहां जितने भी वैष्णव अखाड़े पड़ते हैं, उनकी स्थायी भूमि होनी चाहिए. उन्हें दु:ख है कि बैठक में सीएम दूसरे साधुओं का एजेंडा और परेशानियां रख रहे हैं, लेकिन उनके बैरागी कैंप को लेकर कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

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