हरिद्वार: पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद (Former cabinet minister Swami Yatheeswaranand) ने जिला पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश शर्मा, बहादराबाद पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विपुल जैन के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने जनपद में फैल रही लंपी बीमारी से संक्रमित पशु (Lumpy disease infected animals) के उपचार एवं उनकी रोकथाम को लेकर समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने निर्देश दिया कि पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. टीकाकरण, फाॅगिंग और बचाव (Vaccination, fogging and prevention) के समस्त इंतजामों पर मॉनिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) करेंगे. वे समस्त मामले को गंभीरता ले रहे हैं.
बैठक में स्वामी यतीश्वरानंद ने पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए हर संभव इंतजामों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को फाॅगिंग पर पूरा फोकस देने के साथ ही, जिला पंचायत और समस्त निकायों में तत्काल फाॅगिंग करने को कहा. वहीं, हरिद्वार जिले में पशुओं में लंपी बीमारी (Lumpy disease in animals in Haridwar district) का प्रकोप फैलने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने चिंता जाहिर की और अधिकारियों को मामले को गंभीरता से लेने को कहा.
इस दौरान उन्होंने वेद मंदिर में जिला पशु चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने जागरूकता अभियान एवं टीकाकरण की जानकारी ली. यतीश्वरानंद ने कहा किसान या पशुपालक की पूरी आर्थिकी पशुओं पर निर्भर है. कीमती पशुओं की मृत्यु होने से वह कर्ज में चला जाता है. इसलिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. उन्होंने डॉक्टरों को हेल्पलाइन जारी करने या ऐसे फोन नंबर जारी करने को निर्देशित किया, जिनके माध्यम से डॉक्टर तत्काल उपचार करने पहुंच सके.
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वहीं, संक्रमित बीमारी होने के चलते हुए उन्होंने एक सुई को दोबारा से इस्तेमाल न करने की सलाह दी. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करते हुए डॉक्टर को पशुपालकों से जानकारी लेने को कहा. सीएमओ डाॅ योगेश शर्मा ने कहा जिले में अभी तक 1298 पशुओं में बीमारी के मामले सामने आए हैं. जबकि उनमें से 1000 ठीक हो चुके हैं. दवा की उपलब्धता पर्याप्त है. अभी तक 36 पशुओं की मौत होने के मामले सामने आए हैं.
डाॅ योगेश शर्मा ने कहा 34 कैंप लगाकर पशुओं का टीकाकरण (vaccination of animals) किया जा रहा है. ब्लड की सैंपलिंग कराई जा रही हैं. यह बीमारी मक्खी, मच्छर के काटने से फैल रही है. इससे बचाव के लिए फॉगिंग कराने की कार्य योजना तैयार हुई हैं. जिसके लिए जिला पंचायत, नगर निकायों का सहयोग लिया जाएगा.
बता दें कि गुजरात और राजस्थान में हजारों पशुओं की जान लंपी रोग से चल गई है. अब पशुओं में होने वाली संक्रामक रोग लंपी ने उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है. हरिद्वार जिले के अलग-अलग इलाकों में लंपी वायरस से 36 पशुओं की मौत हो चुकी है और 12 सौ से ज्यादा पशु इस बीमारी से संक्रमित बताए जा रहे हैं. वहीं, पशुओं की इस जानलेवा बीमारी के मामले सामने आने के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं.