हरिद्वार: उत्तराखंड बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और हरिद्वार से बीजेपी विधायक मदन कौशिक को आज 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. साल 2010 में हरिद्वार के पुस्तकालय घोटाले (haridwar library scam) के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया.
जानें पूरा मामला: देहरादून के रहने वाले सच्चिदानंद डबराल ने सबसे पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि साल 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक ने अपनी विधायक निधि से हरिद्वार में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए राशि आवंटित की थी.
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आरोप है कि पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक का फाइनल पेमेंट भी कर दिया गया, लेकिन आज तक किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया. इससे स्पष्ट होता है कि विधायक निधि के नाम पर विधायक मदन कौशिक ने तत्कालीन जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया है. हालांकि बीते साल आठ अगस्त 2022 को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया था.
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उत्तराखंड हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद सच्चिदानंद डबराल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मदन कौशिक के खिलाफ पुस्तकालय घोटाले को लेकर दायर की गई याचिका आज 21 अगस्त को कर दी है. विकास तिवारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को सही और इस मामले पर सुनवाई को समय की बर्बादी बताते हुए खारिज किया है.