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ETV BHARAT SPECIAL: जानिए सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड

लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद सभी दलों ने कमर कस ली है. वहीं उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में हरिद्वार को हॉट सीट माना जाता है. वहीं इस सीट से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त सांसद हैं.  इस शहर को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है.लिहाजा यहां का सांसद देश और उत्तराखंड की राजनीति में अपना खासा दबदबा रखता है.

सांसद रमेश पोखरियाल.
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Published : Mar 17, 2019, 12:34 PM IST

Updated : Mar 17, 2019, 2:41 PM IST

हरिद्वार: लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद सभी दलों ने कमर कस ली है. वहीं उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में हरिद्वार को हॉट सीट माना जाता है. वहीं इस सीट से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त सांसद हैं. इस शहर को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है.लिहाजा यहां का सांसद देश और उत्तराखंड की राजनीति में अपना खासा दबदबा रखता है. वहीं सांसद निशंक के बारे में आखिर क्या है जनता की राय, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट 'सांसद का रिपोर्ट कार्ड'.....

राजनीतिक सफर
हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. साथ ही ये सीट 1997 से 2009 तक शेड्यूल कास्ट के लिए रिजर्व रही. इस सीट में 14 विधानसभाएं सम्मिलित हैं. पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. इसके बाद 1993 और 1996 में एक बार फिर से उसी निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री रहे.

सांसद रमेश पोखरियाल.

वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे. वहीं, वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, जिसके बाद वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चयनित हुए.

सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक'
जन्म- 15 जुलाई
स्थान- पिनानी ग्राम, पौड़ी गढ़वाल, तत्कालीन उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड)
पढ़ाई- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर, गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी (ऑनर), डी लिट् (ऑनर)

सांसद के रूप में पहली बार 'निशंक'
सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' का सांसद के तौर पर ये पहला कार्यकाल है. इससे पहले रमेश पोखरियाल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही पिछली बार रमेश पोखरियाल 'निशंक' की टक्कर कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत से थी. चुनाव में सांसद के खिलाफ बसपा से हाजी मोहम्मद इस्लाम, आम आदमी पार्टी से कंचन चौधरी और सपा से अनिता सैनी चुनाव मैदान में उतरी थी. इन मजबूत दावेदारों के बीच जनता ने अपना भरोसा सांसद रमेश पोखरियाल पर दिखाया और बहुमत देकर उनको विजयी बनाया.

इतने वोटों से की थी जीत हासिल
पिछली बार सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' को 5 लाख 92 हजार 320 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, रेणुका रावत को 4 लाख 14 हजार 498 वोट प्राप्त हुए थे. सांसद निशंक ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को 1 लाख 77 हजार 822 वोटों से हराया था, जोकि अपने आप में एक बड़ी जीत थी.

सांसद निशंक का क्षेत्र में प्रदर्शन
सांसद निशंक के हरिद्वार सीट पर प्रदर्शन की बात की जाए तो कई लोगों का यहां तक दावा होता है कि पिछले 50 सालों में जितना विकास का कार्य नहीं हुआ है उतना निशंक के महज 5 सालों के कार्यकाल में कर दिया गया है. वहीं, जमीनी हकीकत से ताल्लुक रखने वाले लोगों के विचार कुछ अलग दिखाई देते हैं. हरिद्वार में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जैसे- अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन, अंडरग्राउंड बिजली लाइन, रिंग रोड आदि शुरू तो हुए, लेकिन लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए अभी भी परेशान हैं.

सांसद के गोद लिए गांव
सांसद निशंक ने अपने कार्यकाल के दौरान दो गांव गोवर्धनपुर और जमालपुर कलां को गोद लिया हुआ है. गोवर्धनपुर के लोगों का तो कहना है कि सांसद निशंक के कार्यकाल में गांव का तो विकास हुआ है, वहीं, जमालपुर कलां के लोगों ने गांव में कोई विकास न होने की बात कही है.

लोकार्पण और शिलान्यास
हाल ही में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की मौजूदगी में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार के नव निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग और नमामि गंगे परियोजना का शिलान्यास किया. इस परियोजना को तैयार करने के लिए चंडी घाट पर 5 हजार 894 करोड़ की धनराशि दी गई.

सांसद का वोट बैंक
धर्मनगरी कहे जाने वाले हरिद्वार लोकसभा में सांसद से ज्यादा बीजेपी का अपना वोट बैंक बड़ा मजबूत हैं. जनता का सांसद निशंक पर भरोसे के साथ ही बीजेपी पर भी बहुत अच्छा भरोसा है. भाजपा का सबसे ज्यादा बड़ा वोट बैंक संत समाज और तमाम आश्रम, अखाड़े, वैश्य समाज, सैनी समाज और पंजाबी समाज है.

साहित्यिक जीवन
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक राजनीति के साथ ही लेखन में भी अपनी गहरी पकड़ रखते हैं. अब तक सांसद रमेश पोखरियाल के 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10 उपन्यास, 2 पर्यटन ग्रन्थ, 6 बाल साहित्य, 2 व्यक्तित्व विकास सहित कुल 4 दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

लोकसभा सीट बनने से लेकर अब तक के सांसद

1977 - 1980भगवान दास राठौर (BLD)

1980 - 1984 जग पाल सिंह JNP(S)

1984 - 1987सुंदर लाल (INC)

(Bye-election)

1987-1989 राम सिंह (INC)

1989-1991 जग पाल सिंह (INC)

1991 - 1996 राम सिंह (BJP)

1996 - 1998 हरपाल सिंह सती (BJP)

1998 - 1999 हरपाल सिंह सती (BJP)

1999 - 2004 हरपाल सिंह सती BJP

2004 - 2009 राजेंद्र कुमार बेदी (SP)

2009 - 2014 हरीश रावत (INC)

2014 से अब तक रमेश पोखरियाल निशंक (BJP)

हरिद्वार: लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद सभी दलों ने कमर कस ली है. वहीं उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में हरिद्वार को हॉट सीट माना जाता है. वहीं इस सीट से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त सांसद हैं. इस शहर को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है.लिहाजा यहां का सांसद देश और उत्तराखंड की राजनीति में अपना खासा दबदबा रखता है. वहीं सांसद निशंक के बारे में आखिर क्या है जनता की राय, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट 'सांसद का रिपोर्ट कार्ड'.....

राजनीतिक सफर
हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. साथ ही ये सीट 1997 से 2009 तक शेड्यूल कास्ट के लिए रिजर्व रही. इस सीट में 14 विधानसभाएं सम्मिलित हैं. पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. इसके बाद 1993 और 1996 में एक बार फिर से उसी निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री रहे.

सांसद रमेश पोखरियाल.

वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे. वहीं, वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, जिसके बाद वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चयनित हुए.

सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक'
जन्म- 15 जुलाई
स्थान- पिनानी ग्राम, पौड़ी गढ़वाल, तत्कालीन उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड)
पढ़ाई- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर, गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी (ऑनर), डी लिट् (ऑनर)

सांसद के रूप में पहली बार 'निशंक'
सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' का सांसद के तौर पर ये पहला कार्यकाल है. इससे पहले रमेश पोखरियाल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही पिछली बार रमेश पोखरियाल 'निशंक' की टक्कर कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत से थी. चुनाव में सांसद के खिलाफ बसपा से हाजी मोहम्मद इस्लाम, आम आदमी पार्टी से कंचन चौधरी और सपा से अनिता सैनी चुनाव मैदान में उतरी थी. इन मजबूत दावेदारों के बीच जनता ने अपना भरोसा सांसद रमेश पोखरियाल पर दिखाया और बहुमत देकर उनको विजयी बनाया.

इतने वोटों से की थी जीत हासिल
पिछली बार सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' को 5 लाख 92 हजार 320 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, रेणुका रावत को 4 लाख 14 हजार 498 वोट प्राप्त हुए थे. सांसद निशंक ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को 1 लाख 77 हजार 822 वोटों से हराया था, जोकि अपने आप में एक बड़ी जीत थी.

सांसद निशंक का क्षेत्र में प्रदर्शन
सांसद निशंक के हरिद्वार सीट पर प्रदर्शन की बात की जाए तो कई लोगों का यहां तक दावा होता है कि पिछले 50 सालों में जितना विकास का कार्य नहीं हुआ है उतना निशंक के महज 5 सालों के कार्यकाल में कर दिया गया है. वहीं, जमीनी हकीकत से ताल्लुक रखने वाले लोगों के विचार कुछ अलग दिखाई देते हैं. हरिद्वार में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जैसे- अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन, अंडरग्राउंड बिजली लाइन, रिंग रोड आदि शुरू तो हुए, लेकिन लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए अभी भी परेशान हैं.

सांसद के गोद लिए गांव
सांसद निशंक ने अपने कार्यकाल के दौरान दो गांव गोवर्धनपुर और जमालपुर कलां को गोद लिया हुआ है. गोवर्धनपुर के लोगों का तो कहना है कि सांसद निशंक के कार्यकाल में गांव का तो विकास हुआ है, वहीं, जमालपुर कलां के लोगों ने गांव में कोई विकास न होने की बात कही है.

लोकार्पण और शिलान्यास
हाल ही में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की मौजूदगी में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार के नव निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग और नमामि गंगे परियोजना का शिलान्यास किया. इस परियोजना को तैयार करने के लिए चंडी घाट पर 5 हजार 894 करोड़ की धनराशि दी गई.

सांसद का वोट बैंक
धर्मनगरी कहे जाने वाले हरिद्वार लोकसभा में सांसद से ज्यादा बीजेपी का अपना वोट बैंक बड़ा मजबूत हैं. जनता का सांसद निशंक पर भरोसे के साथ ही बीजेपी पर भी बहुत अच्छा भरोसा है. भाजपा का सबसे ज्यादा बड़ा वोट बैंक संत समाज और तमाम आश्रम, अखाड़े, वैश्य समाज, सैनी समाज और पंजाबी समाज है.

साहित्यिक जीवन
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक राजनीति के साथ ही लेखन में भी अपनी गहरी पकड़ रखते हैं. अब तक सांसद रमेश पोखरियाल के 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10 उपन्यास, 2 पर्यटन ग्रन्थ, 6 बाल साहित्य, 2 व्यक्तित्व विकास सहित कुल 4 दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

लोकसभा सीट बनने से लेकर अब तक के सांसद

1977 - 1980भगवान दास राठौर (BLD)

1980 - 1984 जग पाल सिंह JNP(S)

1984 - 1987सुंदर लाल (INC)

(Bye-election)

1987-1989 राम सिंह (INC)

1989-1991 जग पाल सिंह (INC)

1991 - 1996 राम सिंह (BJP)

1996 - 1998 हरपाल सिंह सती (BJP)

1998 - 1999 हरपाल सिंह सती (BJP)

1999 - 2004 हरपाल सिंह सती BJP

2004 - 2009 राजेंद्र कुमार बेदी (SP)

2009 - 2014 हरीश रावत (INC)

2014 से अब तक रमेश पोखरियाल निशंक (BJP)

Intro:लोकसभा सीट का इतिहास


उत्तराखण्ड के पांच लोकसभा सीटों में से हरिद्वार एक प्रमुख लोकसभा सीट है, हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी, 1997 से 2009 तक हरिद्वार लोकसभा सीट Scheduled Caste के लिए रिजर्व रही। हरिद्वार लोकसभा सीट के अंतर्गत जनपद हरिद्वार और देहरादून का कुछ हिस्सा आता है, मौजूदा समय में हरिद्वार लोकसभा सीट के अंदर 14 विधान सभाएं शामिल हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता रमेश पोखरियाल निशंक यहाँ से संसद है। 


कितनी बार से लगातार सांसद हैं


रमेश पोखरियाल निशंक का यह पहला कार्यकाल है। 


पिछली बार किसके साथ टक्कर थी


पिछली बार रमेश पोखरियाल निशंक की टक्कर प्रमुख रूप से कांग्रेस के गद्दावार नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत से थी। चुनाव में रमेश पोखरियाल के खिलाफ बसपा से हाजी मोहम्मद इस्लाम, आम आदमी पार्टी से कंचन चौधरी, सपा से अनिता सैनी चुनाव मैदान में था। 


कितने वोटो से हराया था 


पिछली बार रमेश पोखरियाल निशंक को 5,92,320 वोट प्राप्त हुए थे वहीं रेणुका रावत को 4,14,498 वोट प्राप्त हुए थे, रेणुका रावत को निशंक ने 1,77,822 वोटों से हराया था। 


किस जाति वोट बैंक पर सांसद की पकड़ है


हरिद्वार लोकसभा में सांसद से ज्यादा भाजपा का अपना वोट बैंक बड़ा मजबूत है, ऐसा माना जाता है कि भाजपा का सबसे ज्यादा बड़ा वोट बैंक है संत समाज और तमाम अश्रम अखाड़े, इसके साथ ही हरिद्वार में वैश्य समाज, सैनी समाज और पंजाबी समाज पर बड़ी अच्छी पकड़ है।


Body:जनता की राय - हरिद्वार में काम 


सांसद निशंक के हरिद्वार सीट पर प्रदर्शन की बात की जाए तो दावा तो यहाँ तक किये गये हैं कि पिछले 50 सालों में जितना विकास का कार्य नहीं हुआ है उतना उनके महज 5 सालों के कार्यकाल में किया गया है लेकिन जमीनी हकीकत से ताल्लुक रखने वाले लोगों के विचार इससे अलग है, हरिद्वार में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जैसे अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन, अंडरग्राउंड बिजली लाइन, रिंग रोड आदि शुरू जरूर हुई है लेकिन लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए परेसान है, पूरा हरिद्वार इनदिनों गढ़ों से भरा हुआ है, पिछले 8 सालों से अधर में लटका हुआ देहरादून - हरिद्वार - दिल्ली नेशनल हाइवे आज भी जस का तस है, सालों से लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए आधे अधूरे फ्लाई ओवर ब्रिजों का काम अभी कुछ दिनों पहले ही फिरसे शुरू हुआ है। जनता सांसद निशंक के कामों को लेकर ज्यादा खुश नजर नहीं आ रही है। 


कितने गांव गोद लिए गए हैं


सांसद निशंक द्वारा दो गांवों को गोद लिया गया है, गोवर्धनपुर और जमालपुर कलां। गोवर्धनपुर में तो सांसद निशंक द्वारा अच्छा काम किया गया है लेकिन जमालपुर कलां के लोगों का कहना है संसद द्वारा उनके गांव में कोई काम नहीं किया गया है। 


अगर हाल ही में कुछ शिलान्यास किया हो


हाल ही में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की मौजूदगी में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार के नव निर्मित चंडी घाट पर 5894 करोड़ की लागत से बन रहे विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग एवं नमामि गंगे परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया था। 


हरिद्वार में अबतक के सांसद 


1977 - 1980          भगवान दास राठौर BLD

1980 - 1984 जग पाल सिंह JNP(S)

1984 - 1987         सुंदर लाल          INC

(Bye-election)         1987 - 1989         राम सिंह          INC

1989 - 1991         जग पाल सिंह          INC

1991 - 1996         राम सिंह          BJP

1996 - 1998         हरपाल सिंह सती          BJP

1998 - 1999         हरपाल सिंह सती           BJP

1999 - 2004         हरपाल सिंह सती          BJP

2004 - 2009         राजेंद्र कुमार बेदी          SP

2009 - 2014         हरिश रावत          INC

2014          रमेश पोखरियाल निशंक          BJP


Conclusion:रमेश पोखरियाल निशंक 



जन्म - 15 जुलाई - पिनानी ग्राम, पौड़ी गढ़वाल तत्कालीन उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड) 


पढ़ाई - हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर, गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी (ऑनर), डी लिट् (ऑनर) 



राजनीतिक सफर 



रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे, 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए। इसके बाद 1993 और 1996 में पुनः उसी निर्वाचन-क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मण्डल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री तत्पश्चात वर्ष 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त एवं धर्मस्व मंत्री रहे। वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे।  वहीं वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे। 2009 से 2011 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। वर्तमान में हरिद्वार के सांसद होने के साथ लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति के रूप में भी काम कर रहे हैं।


साहित्यिक जीवन


हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक राजनीति के साथ ही लेखन में भी अपनी गहरी पकड़ रखते है, अब तक रमेश पोखरियाल निशंक के 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10 उपन्यास, 2 पर्यटन ग्रन्थ, 6 बाल साहित्य, 2 व्यक्तित्व विकास सहित कुल 4 दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 
Last Updated : Mar 17, 2019, 2:41 PM IST
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