हरिद्वार: समाजवादी पार्टी के पूर्व दर्जाधारी सुधाकर सिंह कश्यप ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर की महार जाति के परिवारों को विलुप्त करने का आरोप लगाया है. साथ ही परिवारों के व्यक्तियों को विलुप्त करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग उठाई है.
अधिकारियों पर महार जाति को विलुप्त करने का आरोप: पूर्व दर्जाधारी सुधाकर सिंह कश्यप ने बताया कि जनपद हरिद्वार के कस्ता लक्सर के शिवराज फार्म हाउस में भारतीय कश्यप एकता मंच के तत्वाधान में एक महापंचायत संपन्न हुई थी. जिसमें ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि 1891 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान महार परिवार की जनगणना कराई गई थी. जिसमें देहरादून में महार परिवारों के लोगों की संख्या 1581 दर्शाई गई थी. साथ ही महिलाओं की अलग से संख्या 395 थी. कुल योग 1976 व्यक्ति होता है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में सरकार ने फिर जनगणना कराई. जनगणना में अधिकारियों, राजस्व लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव ने डॉ. अंबेडकर की महार जाति पूर्ण रूप से विलुप्त कर दी. ऐसे में हमारी मांग है कि राजस्व अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.
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महार जाति का पता लगाने के लिए चलेगा अभियान: सुधाकर सिंह कश्यप ने कहा कि राजस्व अधिकारी एवं ग्राम पंचायत के अधिकारियों से भी इस पूरे प्रकरण में जानकारी ली जाए. जिससे महार जाति के परिवारों का पता लग सके. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश में विलुल्प हुई महार जाति का पता लगाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा. अगर सरकार इस ओर कदम नहीं उठाती है, तो धरना प्रदर्शन और आंदोलन किए जाएंगे, जिसका उत्तरदायित्व शासन-प्रशासन का होगा. वहीं, राष्ट्रीय महासचिव बलराम महार ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधाकर सिंह द्वारा उठायी जा रही मांग की तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए और महार जाति के लोगों का पता लगाना चाहिए.
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