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Kumbh Corona Fake Test: सोशल एक्टिविस्ट शर्मा ने खोले नए राज, बिना अधिकृत लैब ने की जांच

देहरादून के सोशल एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा (social activist subhash sharma) ने कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े (kumbh corona fake test) को लेकर नये खुलासे किये हैं. इन खुलासों से जुड़े दस्तावेज उन्होंने जांच अधिकारी को भी दिए हैं.

Kumbh Corona Fake Test
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Published : Jun 28, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 7:45 PM IST

हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में प्रशासन और सरकार पर रोज नए-नए आरोप लग रहे थे. सोमवार को देहरादून के सोशल एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा (social activist subhash sharma) ने भी कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े (kumbh corona fake test) में कुछ नए खुलासे किए हैं. उन्होंने कुछ दस्तावेजों के साथ शासन स्तर के कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन सब खुलासों को लेकर सोमवार को उन्होंने हरिद्वार के प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता की.

इस दौरान सुभाष शर्मा ने बताया कि हरिद्वार कुंभ में कोरोना की जांच के लिए मैक्स कॉरपोरेट सर्विस को भी अनुबंधित किया गया था. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) ने दिल्ली डॉ. लाल चंदानी (Dr lal chandani) और हिसार की नलवा लैब (nalwa lab) को हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच की जिम्मेदारी दी थी. सुभाष शर्मा के मुताबिक नलवा लैब ने भी एक तीसरी कंपनी डेल्फिया से हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की जांच कराई, जबकि इस कंपनी के पास कोरोना जांच का कोई लाइसेंस भी नहीं है.

सोशल एक्टिविस्ट शर्मा ने खोले नए राज.

पढ़ें- Kumbh covid test fraud: कांग्रेस ने की HC के जज की देखरेख में जांच की मांग

सुभाष शर्मा ने बताया कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उसके दस्तावेज जांच अधिकारी सीडीओ सौरभ गहवार को सौंपे हैं. उन्हें यकीन है कि जांच सही दिशा में जाएगी. उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ करने वाले दोषियों को किसी भी कीमत न बख्शा जाए.

इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा जितना नजर आ रहा है, ये उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है. सरकार की ओर से मामले की दबाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कुछ अधिकारियों पर टेस्टिंग लैब की टेंडरिंग बैक डेट में करने का भी आरोप लगाय है, जिसकी उन्होंने बारीकी से जांच कराने की भी मांग की है.

क्या है मामला

बता दें कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं की कोरोना जांच के लिए 10 लैबों को अधिकृत किया गया था, जिसमें एक मैक्स कॉरपोरेट सर्विस थी. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस ने अपनी अनुबंधित दिल्ली की डॉ. लाल चंदानी और हिसार की नलवा लैब को कुंभ में कोरोना टेस्ट की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन कुंभ में हुए करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में हैं. इनमें अधिकांश टेस्ट मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के दोनों अनुबंधित लैब के बताए जा रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड सरकार का दावा, कुंभ में नहीं हुआ कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा

इस मामले में जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर के आदेश पर सीएमओ एसएन झा ने नगर कोतवाली में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कंपनी और उसकी दो अनुबंधित लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, हरिद्वार जिलाधिकारी ने हरिद्वार मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की थी. इसके अलावा हरिद्वार एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी भी मामले की जांच कर रही है. सोमवार 28 जून को भी हरिद्वार मुख्य विकास अधिकारी और एसआईटी ने अलग-अलग मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और लाल चंदानी लैब के प्रतिनिधियों से पूछताछ की.

हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में प्रशासन और सरकार पर रोज नए-नए आरोप लग रहे थे. सोमवार को देहरादून के सोशल एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा (social activist subhash sharma) ने भी कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े (kumbh corona fake test) में कुछ नए खुलासे किए हैं. उन्होंने कुछ दस्तावेजों के साथ शासन स्तर के कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन सब खुलासों को लेकर सोमवार को उन्होंने हरिद्वार के प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता की.

इस दौरान सुभाष शर्मा ने बताया कि हरिद्वार कुंभ में कोरोना की जांच के लिए मैक्स कॉरपोरेट सर्विस को भी अनुबंधित किया गया था. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) ने दिल्ली डॉ. लाल चंदानी (Dr lal chandani) और हिसार की नलवा लैब (nalwa lab) को हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच की जिम्मेदारी दी थी. सुभाष शर्मा के मुताबिक नलवा लैब ने भी एक तीसरी कंपनी डेल्फिया से हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की जांच कराई, जबकि इस कंपनी के पास कोरोना जांच का कोई लाइसेंस भी नहीं है.

सोशल एक्टिविस्ट शर्मा ने खोले नए राज.

पढ़ें- Kumbh covid test fraud: कांग्रेस ने की HC के जज की देखरेख में जांच की मांग

सुभाष शर्मा ने बताया कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उसके दस्तावेज जांच अधिकारी सीडीओ सौरभ गहवार को सौंपे हैं. उन्हें यकीन है कि जांच सही दिशा में जाएगी. उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ करने वाले दोषियों को किसी भी कीमत न बख्शा जाए.

इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा जितना नजर आ रहा है, ये उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है. सरकार की ओर से मामले की दबाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कुछ अधिकारियों पर टेस्टिंग लैब की टेंडरिंग बैक डेट में करने का भी आरोप लगाय है, जिसकी उन्होंने बारीकी से जांच कराने की भी मांग की है.

क्या है मामला

बता दें कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं की कोरोना जांच के लिए 10 लैबों को अधिकृत किया गया था, जिसमें एक मैक्स कॉरपोरेट सर्विस थी. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस ने अपनी अनुबंधित दिल्ली की डॉ. लाल चंदानी और हिसार की नलवा लैब को कुंभ में कोरोना टेस्ट की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन कुंभ में हुए करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में हैं. इनमें अधिकांश टेस्ट मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के दोनों अनुबंधित लैब के बताए जा रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड सरकार का दावा, कुंभ में नहीं हुआ कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा

इस मामले में जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर के आदेश पर सीएमओ एसएन झा ने नगर कोतवाली में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कंपनी और उसकी दो अनुबंधित लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, हरिद्वार जिलाधिकारी ने हरिद्वार मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की थी. इसके अलावा हरिद्वार एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी भी मामले की जांच कर रही है. सोमवार 28 जून को भी हरिद्वार मुख्य विकास अधिकारी और एसआईटी ने अलग-अलग मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और लाल चंदानी लैब के प्रतिनिधियों से पूछताछ की.

Last Updated : Jun 28, 2021, 7:45 PM IST
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