हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले (haridwar kumbh fake corona test case) में हरिद्वार एसएसपी के निर्देश पर गठित एसआईटी (SIT) ने सोमवार को मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (max corporate service) और उसकी दो अनुबंध (दिल्ली डॉ लाल चंदानी और हिसार की नलवा) लैब को नोटिस भेजकर तलब किया है.
एसआईटी ने स्पेशल वाहक से दो नोटिस दिल्ली (मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और डॉ लाल चंदानी) को भेजे है, जबकि एक नोटिस हरियाणा के हिसार नलवा लैब (Nalwa Lab) को भेजा है. सभी को बुधवार और गुरुवार को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.
यहीं नहीं एसआईटी (SIT) ने इस कथित फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य लोगों को भी नोटिस भेजा है. साथ ही कथित कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा (kumbh fake corona test case) से जुड़े डॉक्युमेंट्स की जांच भी शुरू कर दी है. इसके अलावा संबंधित अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है.
एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने कहा कि जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनका एसआईटी नोटिस भेज रही है. ताकि वह लोग अपना पक्ष भी एसआईटी के सामने रख सकें. कई लोगों से अभी पूछताछ की जा रही है. जांच करने वाली कंपनी के लोगों से भी एसआईटी द्वारा पूछताछ की जा रही है. एसआईटी द्वारा की जा रही जांच अभी गतिमान है. अभी हम जांच के सभी पहलुओं को नहीं खोल सकते है. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर सच को सबके सामने लाया जाए.
इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार का भी बयान आया है. डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि
मैंने हरिद्वार के एसएसपी को निर्देश दिए है कि आरटीपीसीआर टेस्टिंग घोटाले में जो 5-6 गंभीर बिंदु सामने आए हैं, उनकी एसआईटी गहराई से जांच करे. एसआईटी लैब के 'एग्रीमेंट एक्सपायरी' समेत अन्य मुद्दों की जांच कर रही है. दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
बता दें कि इस मामले का खुलासा होने के बाद हरिद्वार जिलाधिकारी सी. रविशंकर के आदेश पर हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने हरिद्वार की नगर कोतवाली में मैक्स सर्विस कॉरपोरेट और उसकी दो अनुबंध (दिल्ली की लालचंदानी और हिसार की नलवा) लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. हालांकि जिला प्रशासन और कुंभ मेला प्रशासन ने पहले ही इस मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं मामले की विवेचना के लिए जिला स्तर पर हरिद्वार एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने पहले दिन से ही इस मामले की जांच शुरू कर दी थी.
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हरिद्वार एसएसपी ने सीओ बुग्गावाला राकेश रावत की अध्यक्षता में 8 सदस्यों की एसआईटी बनाई गई थी. नगर कोतवाल राजेश शाह को इसमें जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था. एसपी सिटी के सुपरविजन में ये एसआईटी काम करेगी.
क्या है मामला
बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है. क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए 1 लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.
यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है, क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए थे.
ऐसा हुआ था खुलासा
हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट (LIC Agent) के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है'. जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए. क्योंकि उन्होंने कोई कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी. ऐसे में विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.
आईसीएमआर ने दिखाई सतर्कता
आईसीएमआर (ICMR) ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा. वहीं यह पूरा मामला यहीं नहीं थमा. इसके बाद उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई, तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. अब एक लाख से ज्यादा जांच संदेह के घेरे में आ चुकी है.