हरिद्वारः शांतिकुंज के तत्वावधान में नेपाल समेत देशभर के गायत्री परिवार के प्रांतीय जोनल और जिला समन्वयकों की वर्चुअल राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई. इस संगोष्ठी में देशभर में चलाए जा रहे सेवा कार्यों की प्रगति रिपोर्ट के साथ जरूरतमंदों तक तत्परता के साथ राहत सामग्री पहुंचाने को कहा गया. वहीं, वातावरण के परिशोधन के लिए आगामी बुद्ध पूर्णिमा को देशभर के 24 लाख घरों में एक साथ-एक ही समय पर गायत्री यज्ञ करने का निर्णय लिया गया. इस यज्ञ के लिए विशेष जड़ी-बूटियों से हवन सामग्री निर्मित की गई है.
कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए घर-घर यज्ञ कराए जाएंगे. डब्ल्यूएचओ में योग विशेषज्ञ एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि इस कठिन समय में हम सभी को एकजुट होकर सेवा कार्य करना है. इसमें जरूरतमंदों तक भोजन व अन्य राहत सामग्री, दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर, एंबुलेंस सेवा आदि से लेकर आध्यात्मिक उपायों को प्राथमिकता के साथ करने हैं. डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में जुटे योद्धाओं के मानसिक सुदृढ़ता के लिए भवगत्वसत्ता से प्रार्थना व वातावरण के परिशोधन के लिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन एक साथ एक ही समय में घर-घर हवन किया जाना है.
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शांतिकुंज स्काउट गाइड ने किया पौधरोपण
हरिद्वार में भारत स्काउट गाइड उत्तराखंड की ओर से कोरोनाकाल की गाइडलाइन के तहत पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया. इस अभियान के अंतर्गत पीपल के पौधे रोपे.
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या के नेतृत्व में शांतिकुंज जनपद स्काउट गाइड ने पौधरोपण का शुभारंभ किया. डॉ. पंड्या ने कहा कि इन दिनों शुद्ध हवा की नितांत आवश्यकता है. पौधों से ही शुद्ध हवा प्राप्त होती है. जितनी ज्यादा संख्या में पौधे लगाएंगे, उतनी मात्रा में हमें प्रकृति से प्राणरक्षक हवा मिलेगी.