लक्सर: स्लॉटर हाउस के विरोध में अनशन पर बैठे दो संतों को पुलिस प्रशासन ने अनशन स्थल से उठाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कर दिया. जिसे लेकर संतों में आक्रोश है. संतों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन जबरन अनशनरत संतों को उठाकर ले गई है. जिस का पुरजोर विरोध किया जाएगा. वहीं प्रशासन का कहना है कि संतों का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
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बता दें कि मंगलौर में स्लॉटर हाउस बनाने के विरोध में संत पिछले 3 दिसंबर से अनशन कर रहे हैं. शिव मंदिर दुर्गा गढ़ के संत नरेश बर्फानी 3 दिसंबर से ही अन्न-जल त्याग कर अनशन पर थे, जबकि संत मुकेश गिरी अरविंद नाथ ने शनिवार से अनशन शुरू किया था. वहीं, अन्य संतों का भी उन्हें लगातार समर्थन मिल रहा है. प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा कई बार संतों से अनशन समाप्त करने की अपील कर चुके हैं लेकिन संतों द्वारा अनशन समाप्त करने से साफ इनकार किया जा चुका है.
प्रशासन के अनुसार अनशन पर बैठे संत नरेश बर्फानी का वजन लगातार कम हो रहा था. रविवार की रात्रि संत नरेश बर्फानी मुकेश गिरी का स्वास्थ्य बिगड़ गया. जिसके बाद पर मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका जल्द उपचार शुरू करने को कहा. लेकिन संतों द्वारा विरोध करने पर पुलिस प्रशासन ने उन्हें जबरन उठाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया. एसडीएम पूरन सिंह राणा का कहना है कि नरेश बर्फानी की तबीयत ठीक ना होने और संत मुकेश गिरी को सीने में दर्द की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जबकि दूसरी ओर अनशन स्थल पर बैठे अन्य संतों ने पुलिस प्रशासन पर संतों को जबरन अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराए जाने का आरोप लगाया है. संतों का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने शांतिपूर्ण ढंग से अनशन कर रहे संतों को जबरन अनशन स्थल से उठाया है. साथ ही उन्हें डराया धमकाया भी गया है, जो पूरी तरह गलत है. उनका कहना है कि संत इस तरह की किसी भी दबाव में नहीं आएंगे.
वहीं मामले को लेकर सोमवार से अनशन पर बैठे अखिल गिरी महाराज का कहना है कि उन्होंने बाबा बर्फानी की जगह अनशन शुरू कर दिया है. उनका अनशन स्लॉटर हाउस का निर्माण बंद होने तक जारी रहेगा.