हरिद्वारः शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की 25 जनवरी को रिलीज होने वाली पठान मूवी का साधु-संतों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. संतों ने मूवी बायकॉट करने की मांग का है. दरअसल, पठान मूवी का गाना 'बेशर्म रंग' रिलीज हुआ है. जिसमें दीपिका पादुकोण भगवा रंग की बिकनी पहने हुए दिख रही है. जिसको लेकर यह विवाद शुरू हुआ है. इतना ही नहीं मूवी का नाम 'पठान' को लेकर भी साधु-संतों ने विरोध दर्ज कराया है.
साधु संतों का कहना है कि भारतवर्ष में कई महान योद्धा रहे हैं, जिनके इतिहास से जुड़ी कहानियां कोई भी बॉलीवुड के खान नहीं बनाते. यह तो सिर्फ हिंदू धर्म के खिलाफ एक एजेंडा चलाते हैं, जिसमें हिंदू धर्म को बदनाम और लोगों में हिंदू धर्म का दुष्प्रचार करते हैं. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी का कहना है कि ये लोग हिंदू विरोधी काम कर रहे हैं. लेकिन फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण तो हिंदू होकर भगवा का अपनाम कर रही है वो स्वीकार्य नहीं है. इसलिए उसका विरोध किया जा रहा है. गाने से भगवा रंग हटाया जाए. ऐसा नहीं किया गया तो मुंबई में जाकर इसका कड़ा विरोध किया जाएगा.
विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने पठान मूवी पर बोलते हुए कहा कि यह वही पठान है. जिनको सिखों ने मार-मार के बाहर निकाला था. यह वही पठान है जो तलवार के डर से सलवार पहना करते थे. अब इन पर मूवी बनाकर कुछ टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य हिंदू धर्म को बदनाम करना चाहते हैं. यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मेरी हिंदुओं और भारत देश की जनता से मांग कि वह इस मूवी का बायकॉट करें. इन लोगों ने भगवा को बदनाम करके रखा है.
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वहीं, काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने पठान मूवी के गाने 'बेशर्म रंग' में भगवा रंग की बिकिनी किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा. शाहरुख खान को सलाह देते हुए कहा कि वैष्णो देवी जाने या हज करने से फिल्म सफल नहीं होगी. हिंदू ये मूवी देखने नहीं जाएंगे क्योंकि ये हिंदू विरोधी फिल्म है.
वहीं, स्वामी दिनेश आनंद भारती ने सवाल करते हुए कहा कि क्या भारत में इतिहास की कमी पड़ गई है? भारत का इतिहास कोई नहीं दिखा रहा. पठान तो यहां के हैं ही नहीं, यह केवल हिंदुओं को बदनाम करने के लिए संदेश देने की कोशिश की जा रही है, जो सरासर गलत है इसलिए पठान मूवी का बॉयकॉट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले शाहरुख खान वैष्णो देवी की शरण में गए थे तो ऐसे में उनको हिंदू धर्म अपना लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदू अब इस फिल्म को देखने के लिए बिल्कुल इच्छुक नहीं है क्योंकि इसमें हिंदुओं के पूजनीय रंग भगवा जोकि अग्नि वस्त्र भी कहा जाता है, जो कि साधु-संतों की पहचान है. उसे बदनाम करने की कोशिश की गई है.