हरिद्वार: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को कहा था कि राम की अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है. ओली ने भारत पर सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि जनकपुर की जिस सीता की शादी राम से हुई वो राम भारत के राजकुमार नहीं बल्कि नेपाल के थे. हरिद्वार के साधु-संतों ने औली के बयान पर आपत्ति जताई है.
पतंजलि योग पीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि भगवान राम को राजनीतिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है. किसी के कुछ कह देने से हमारी परंपरा या इतिहास बदल नहीं जाएगा. हमारे महापुरुषों की एक समृद्धि परंपरा और विरासत है. ऐसे में औली के बयान से मान्यता बदलना असंभव है.
बालकृष्ण के मुताबिक भारत, नेपाल सहित कई देश आर्यवर्त का हिस्सा थे. कुछ लोगों के कहने पर रामायण और महाभारत काल्पनिक नहीं हो जाएंगे. हमारे महापुरुषों की हमेशा एक परंपरा, अस्तित्व और व्यक्तित्व रहा है, जो भारत के लोगों के प्रेरणा देता है. ऐसे में किसी के कहने से इतिहास बदल नहीं जाएगा.
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केपी शर्मा औली के बयान पर हरिद्वार के संतों ने नाराजगी जताई है. शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वर ने नेपाली पीएम केपी शर्मा औली की तुलना उल्लू से की है. स्वामी राज राजेश्वर ने कहा कि उल्लू को सूर्य नहीं दिखाई देता है. उसी तरह से औली को सूर्यवंशी भगवान राम का अस्तित्व नजर नहीं आ रहा है. राजनीतिक अस्थिरता से ध्यान हटाने के लिए औली ने बेतुका बयान दिया है.