रुड़की: नगर निगम सभागार में आज हुई बोर्ड बैठक में अलग नजारा देखने को मिला. बैठक के दौरान भाजपा पार्षदों के दो गुट नजर आए. इस दौरान कई प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान दोनों गुटों के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई. भारी विरोध के बाद बजट पास किया गया. जहां अधिकतर पार्षद बजट के पक्ष में नजर आए तो वहीं भाजपा के कुछ पार्षद बजट के विरोध में रहे. हालांकि, बैठक के दौरान भाजपा के एक पार्षद ने उनके क्षेत्र में काम न होने से नाराज होकर अपने पैर से चप्पल ही निकाल ली.
दरअसल, पहले की बैठकों में देखा गया है कि भाजपा के कुछ पार्षद मेयर को सपोर्ट करते थे और बाकी उनके विरोध में रहते थे और उन्ही के बीच गहमा-गहमी होती थी. लेकिन आज सारे पार्षद ही दो गुटों में बंटे हुए थे. बोर्ड बैठक शुरू होने के बाद प्रस्ताव संख्या 527 के तहत निगम का वार्षिक बजट रखा गया. इसपर 15 से अधिक भाजपा पार्षदों ने विरोध जताया. भाजपा पार्षद विवेक चौधरी ने बजट खर्च पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले भी करीब ₹110 करोड़ का बजट पास हुआ था लेकिन उससे क्या काम हुआ कुछ पता नहीं लगा. विवेक चौधरी का आरोप था कि किसी पार्षद का कार्य नहीं होता. हालांकि, पार्षदों का दूसरा गुट बजट के पक्ष में रहा. दोनों के बीच बजट पास कराने को लेकर काफी बहस भी हुई.
इसी नोंक-झोंक के बीच विकास कार्यों से संबंधित अधिकतर प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास करवाया गया. इसी बीच कुछ पार्षदों ने आउटसोर्स के रखे गए कर्मचारियों के खाते में पीएफ और ईएसआई का पैसा न जाने की बात उठाई. मेयर गौरव गोयल ने इसको लेकर संबंधित एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही.
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इसके अलावा आवारा पशुओं के लिए बन रहे भवन, स्ट्रीट लाइट की समस्या को दूर करने के लिए कर्मचारियों की बढ़ोतरी करने, चिकित्सकों के लिए भी आवास बनाए जाने की मांग पर चर्चा हुई. रुड़की शहर में छह स्थानों अपर अंडरग्राउंड डस्टबिन बनाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ. पार्षद सचिन चौधरी ने अपने वार्ड में लाइटों की समस्या उठाई. इसके साथ ही दिल्ली हाईवे पर बन रहे नाले का पानी उनके वार्ड में छोड़े जाने का विरोध जताया और नाले को पूरा बनाने की मांग की. इस दौरान ये बात भी उठाई गई कि तीन वर्ष पूर्व हाईमास्क लाइट लगाने का प्रस्ताव पास हुआ था जिसे अभी तक नहीं लगया जा सका है. पार्षदों ने इस पर आपत्ति जताई.
वहीं, पार्षद रविंद्र खन्ना ने रुड़की में सेल्फ असेसमेंट टैक्स हरिद्वार से दोगुना होने की बात उठाई. जवाब देते हुए सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता ने कहा कि यह टैक्स 2015 में बोर्ड ने सर्वसम्मति से पास किया था इसलिए इसमें कुछ नहीं किया जा सकता.
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पार्षद ने गुस्से में निकाली चप्पल: हालांकि, बोर्ड बैठक के दौरान भाजपा पार्षद पंकज सतेजा ने अपने पैर से चप्पल निकाल ली. उनका कहना था कि बोर्ड बैठक में प्रस्ताव तो पास कर दिए जाते हैं लेकिन उसके बाद निगम के चक्कर काट-काट कर चप्पलें घिस जाती हैं, बावजूद इसके कोई भी कार्य नहीं किया जाता. इस दौरान पार्षद ने यहां तक कह डाला कि उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं है.
दो गुटों में बंटे भाजपा पार्षद: बता दें कि, रुड़की नगर निगम में भाजपा पार्षदों की संख्या 29 है. बीते रोज विधायक और जिलाध्यक्ष ने पार्षदों के साथ बैठक कर एकजुट होकर अपना पक्ष रखने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद भी बैठक में सभी पार्षद बिखरे नजर आए. करीब नौ पार्षद एक सुर में और बाकी दूसरे सुर में बोलते नजर आए.
वहीं, बैठक को लेकर रुड़की मेयर गौरव गोयल ने बताया कि शहर के विकास के लिए लगभग सभी प्रस्ताव पास हो चुके हैं. कुछ प्रस्तावों को अभी रोका गया है. शहर का विकास सर्वोपरि है, जल्द ही शहर में सड़कों, लाइटों, नालों का निर्माण जल्द पूरा करा दिया जाएगा. बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्र में विकास कराने की मांग की है, इसके अलावा सभी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है.