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रुड़की में वाटर कॉन्क्लेव का आयोजन, विदेशी विशेषज्ञ भी ले रहे हिस्सा - आईआईटी रुड़की समाचार

आईआईटी रुड़की में आज वाटर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम में 25 विदेशी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम में भारत सरकार की नमामि गंगे योजना के अंतर्गत प्रदर्शनी भी लगाई गई है.

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रुड़की वाटर कॉन्क्लेव 2020 .
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Published : Feb 26, 2020, 7:44 PM IST

रुड़की: आईआईटी रुड़की में बुधवार को तीन दिवसीय वाटर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया गया. कॉन्क्लेव में देश-विदेश के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ जल आयोग के चेयरमैन आरके जैन, आईआईटी रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी और राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान के निदेशक शरद जैन ने किया.

रुड़की वाटर कॉन्क्लेव 2020 .

बता दें कि आईआईटी रुड़की और एनआईएच रुड़की द्वारा संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में 25 विदेशी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम में इसरो जैसी शीर्ष राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा कर रहे हैं. कार्यक्रम में भारत सरकार की नमामि गंगे योजना के अंतर्गत प्रदर्शनी भी लगाई गई. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जल आयोग के चेयरमैन आरके जैन ने कहा कि पर्यावरण में जलवायु परिवर्तन के कारण जो बदलाव हो रहे हैं, उस संबंध में कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है. कॉन्क्लेव में देश-विदेश के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं.

यह भी पढ़ें-लक्सरः बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी

कॉन्क्लेव में मुख्य रूप से बाढ़, सूखा तथा उनके प्रबंधन पर चर्चा होगी. वहीं आईआईटी रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि निश्चित रूप से ये कार्यक्रम सभी फैकल्टी और छात्रों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण करना है. कभी किसी स्थान पर बाढ़ आ रही है और कुछ समय बाद वहीं सूखा पड़ जाता है, इन सभी समस्याओं को लेकर इस कार्यक्रम में मंथन होगा.

रुड़की: आईआईटी रुड़की में बुधवार को तीन दिवसीय वाटर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया गया. कॉन्क्लेव में देश-विदेश के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ जल आयोग के चेयरमैन आरके जैन, आईआईटी रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी और राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान के निदेशक शरद जैन ने किया.

रुड़की वाटर कॉन्क्लेव 2020 .

बता दें कि आईआईटी रुड़की और एनआईएच रुड़की द्वारा संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में 25 विदेशी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम में इसरो जैसी शीर्ष राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा कर रहे हैं. कार्यक्रम में भारत सरकार की नमामि गंगे योजना के अंतर्गत प्रदर्शनी भी लगाई गई. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जल आयोग के चेयरमैन आरके जैन ने कहा कि पर्यावरण में जलवायु परिवर्तन के कारण जो बदलाव हो रहे हैं, उस संबंध में कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है. कॉन्क्लेव में देश-विदेश के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं.

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कॉन्क्लेव में मुख्य रूप से बाढ़, सूखा तथा उनके प्रबंधन पर चर्चा होगी. वहीं आईआईटी रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि निश्चित रूप से ये कार्यक्रम सभी फैकल्टी और छात्रों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण करना है. कभी किसी स्थान पर बाढ़ आ रही है और कुछ समय बाद वहीं सूखा पड़ जाता है, इन सभी समस्याओं को लेकर इस कार्यक्रम में मंथन होगा.

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