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हरदा ने CM रहते तोड़े हवाई यात्रा के रिकॉर्ड, 5 महीने में इतनी बार हरिद्वार के लिए भरी उड़ान - uttarakhand politics news

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत की मुश्किलें अब उनके हवाई दौरों से बढ़ती नजर आ रही हैं. हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते 39 बार हेलीकॉप्टर और 5 बार कार से हरिद्वार का दौरा किया था. ये दौरे 2016 के अगस्त से दिसंबर महीने तक के हैं.

harish rawat
हरीश रावत
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Published : Jun 30, 2021, 4:53 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 5:27 PM IST

हरिद्वारः इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर माथापच्ची जारी है. इनमें सबसे बड़ा नाम पूर्व सीएम हरीश रावत का है. माना जा रहा है कि हरदा को केंद्रीय नेतृत्व से कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है. लेकिन इन सबके बीच उनकी मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही हैं. ये मुश्किलें उनके कार्यकाल में हवाई दौरों को लेकर है, जिसके कागजात भी सामने आ रहे हैं.

दरअसल, हरिद्वार के एक अधिवक्ता ने हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके हरिद्वार दौरों का विवरण मांगा है. जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदौरिया की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल के संबंध में एक सूचना मांगी गई.

हवाई दौरों ने बढ़ाई हरीश रावत की मुश्किलें.

ये भी पढ़ेंः टीएसआर Vs टीएसआर के जुबानी जंग पर हरदा का तंज, 'गंगा का पानी हो रहा जहरीला'

जिसमें पूछा गया था कि साल 2016 में अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक महीने में कितने दिन हरिद्वार में रहे और कितने दिन उन्होंने देहरादून से हरिद्वार हेलीकॉप्टर (Helicopter) से यात्रा की.

harish rawat air tour
हरीश रावत के दौरों का ब्यौरा.

हरदा ने 44 बार हेलीकॉप्टर और 5 बार कार से किया हरिद्वार का दौरा

अधिवक्ता अरुण भदौरिया की ओर से मांगी गई सूचना में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से जवाब दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत साल 2016 के अगस्त से दिसंबर महीने तक कुल 44 दिन हरिद्वार आए. जिनमें से हरीश रावत 39 बार हेलीकॉप्टर से आए. जबकि, कार का इस्तेमाल सिर्फ 4 बार किया.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: सीएम तीरथ सिंह रावत की कुर्सी बचेगी या जाएगी, फैसला लेगा हाईकमान

ऐसे में इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का हरिद्वार से लगाव कुछ ज्यादा ही रहा है. इसलिए वो हर दूसरे दिन हरिद्वार आ जाते थे. उधर, अरुण भदौरिया ने सरकार से फिजूलखर्ची मामले पर हरीश रावत के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है.

उत्तराखंड सरकार के पास मौजूद है डबल इंजन का सरकारी चॉपर

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के प्रोटोकॉल के अनुसार दो इंजन के हेलीकॉप्टर से सीएम उड़ान भरते हैं. उत्तराखंड सरकार के पास डबल इंजन का सरकारी चॉपर है. जिसमें पायलट सरकार का अपना है और मशीन भी अपनी है.

चॉपर से हरिद्वार का खर्चा ₹1.2 लाख

लिहाजा, अगर कोई मुख्यमंत्री मौजूदा समय में हरिद्वार दौरे पर जाता है तो लगभग चॉपर का ही खर्चा ₹1 लाख 20 हजार रुपए खर्च होता है. यह खर्चा सिर्फ चॉपर का होता है. क्योंकि इस समय तेल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री के दिल्ली तलब होने पर कांग्रेस का तंज, कहा- त्रिवेंद्र जैसा न हो हाल

प्राइवेट हेलीकॉप्टर का खर्च भी मंहगा

वहीं, मुख्यमंत्री सरकारी हेलीकॉप्टर से नहीं जाते हैं तो उनके लिए डबल इंजन का प्राइवेट हेलीकॉप्टर मंगवाया जाता है. जो ₹1 लाख प्रति घंटे के हिसाब से आता है.

मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल होती हैं कई कार

मुख्यमंत्री अगर देहरादून से हरिद्वार जा रहे हैं तो उनके लिए पूरी की पूरी फ्लीट देहरादून से जाती है. जिसमें 3 सुरक्षाकर्मियों की कार, एक सूचना विभाग की कार, एक विशेष अधिकारी की कार, एक मुख्यमंत्री की कार और एक एस्कॉर्ट पहले से ही मौके पर मौजूद रहती है.

ये भी पढ़ेंः पूर्व CM हरीश रावत का बीजेपी पर हमला, 'नौकरी में नाटक नहीं चलेगा'

इसके साथ ही मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर जिस जगह पर उतरेगा, वहां से लेकर कार्यक्रम स्थल तक तमाम सुरक्षा व्यवस्था और हेलीपैड को बनाने से लेकर वहां पर पानी समेत तमाम व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं. यह पूरा मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल के अनुसार होता है.

हरिद्वारः इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर माथापच्ची जारी है. इनमें सबसे बड़ा नाम पूर्व सीएम हरीश रावत का है. माना जा रहा है कि हरदा को केंद्रीय नेतृत्व से कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है. लेकिन इन सबके बीच उनकी मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही हैं. ये मुश्किलें उनके कार्यकाल में हवाई दौरों को लेकर है, जिसके कागजात भी सामने आ रहे हैं.

दरअसल, हरिद्वार के एक अधिवक्ता ने हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके हरिद्वार दौरों का विवरण मांगा है. जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदौरिया की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल के संबंध में एक सूचना मांगी गई.

हवाई दौरों ने बढ़ाई हरीश रावत की मुश्किलें.

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जिसमें पूछा गया था कि साल 2016 में अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक महीने में कितने दिन हरिद्वार में रहे और कितने दिन उन्होंने देहरादून से हरिद्वार हेलीकॉप्टर (Helicopter) से यात्रा की.

harish rawat air tour
हरीश रावत के दौरों का ब्यौरा.

हरदा ने 44 बार हेलीकॉप्टर और 5 बार कार से किया हरिद्वार का दौरा

अधिवक्ता अरुण भदौरिया की ओर से मांगी गई सूचना में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से जवाब दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत साल 2016 के अगस्त से दिसंबर महीने तक कुल 44 दिन हरिद्वार आए. जिनमें से हरीश रावत 39 बार हेलीकॉप्टर से आए. जबकि, कार का इस्तेमाल सिर्फ 4 बार किया.

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ऐसे में इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का हरिद्वार से लगाव कुछ ज्यादा ही रहा है. इसलिए वो हर दूसरे दिन हरिद्वार आ जाते थे. उधर, अरुण भदौरिया ने सरकार से फिजूलखर्ची मामले पर हरीश रावत के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है.

उत्तराखंड सरकार के पास मौजूद है डबल इंजन का सरकारी चॉपर

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के प्रोटोकॉल के अनुसार दो इंजन के हेलीकॉप्टर से सीएम उड़ान भरते हैं. उत्तराखंड सरकार के पास डबल इंजन का सरकारी चॉपर है. जिसमें पायलट सरकार का अपना है और मशीन भी अपनी है.

चॉपर से हरिद्वार का खर्चा ₹1.2 लाख

लिहाजा, अगर कोई मुख्यमंत्री मौजूदा समय में हरिद्वार दौरे पर जाता है तो लगभग चॉपर का ही खर्चा ₹1 लाख 20 हजार रुपए खर्च होता है. यह खर्चा सिर्फ चॉपर का होता है. क्योंकि इस समय तेल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है.

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प्राइवेट हेलीकॉप्टर का खर्च भी मंहगा

वहीं, मुख्यमंत्री सरकारी हेलीकॉप्टर से नहीं जाते हैं तो उनके लिए डबल इंजन का प्राइवेट हेलीकॉप्टर मंगवाया जाता है. जो ₹1 लाख प्रति घंटे के हिसाब से आता है.

मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल होती हैं कई कार

मुख्यमंत्री अगर देहरादून से हरिद्वार जा रहे हैं तो उनके लिए पूरी की पूरी फ्लीट देहरादून से जाती है. जिसमें 3 सुरक्षाकर्मियों की कार, एक सूचना विभाग की कार, एक विशेष अधिकारी की कार, एक मुख्यमंत्री की कार और एक एस्कॉर्ट पहले से ही मौके पर मौजूद रहती है.

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर जिस जगह पर उतरेगा, वहां से लेकर कार्यक्रम स्थल तक तमाम सुरक्षा व्यवस्था और हेलीपैड को बनाने से लेकर वहां पर पानी समेत तमाम व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं. यह पूरा मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल के अनुसार होता है.

Last Updated : Jun 30, 2021, 5:27 PM IST
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