हरिद्वार: एक समय था जब वारदात होते ही पुलिस एकदम हरकत में आ जाती थी और मुकदमा दर्ज कर अपराधियों की धरपकड़ में जुट जाती थी, लेकिन बीते कुछ समय में हरिद्वार पुलिस के कार्य करने की शैली बदली है. अब आलम यह है कि घटना के बाद पुलिस तब तक मामले को दबाए रखती है, जब तक पुलिस का हाथ आरोपियों के गिरेबान तक नहीं पहुंच जाता.
इन दिनों हरिद्वार पुलिस किसी भी मामले तब तक मुकदमा दर्ज नहीं करती, जब तक घटना में आरोपी पकड़ा नहीं जाता. अपराधियों को पकड़ने के बाद हरिद्वार पुलिस मामले में मुकदमा दर्ज कर कुछ ही घंटों में वारदात का खुलासा करने का दावा कर अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है.
पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ कर जेल भेजना है, लेकिन पुलिस ही अगर घटनाओं को दबाने और छिपाने लग जाए तो अपराधियों के लिए पुलिस से बड़ा मददगार और कौन हो सकता है? रानीपुर पुलिस आजकल इसी रास्ते पर चल पड़ी है. शिवालिक नगर में लाखों की चोरी का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मौका मुआयना किया. घटना की जानकारी भी ली, यहां तक की फोटो और वीडियोग्राफी भी कराई गई, लेकिन एफआईआर दर्ज करने की जहमत नहीं की.
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तीन दिन से पुलिस लाखों की चोरी का मामला दबाए बैठी है. इस घटना के अलावा चेन स्नैचिंग का एक मामला भी गुपचुप तरीके से रफा-दफा करने की चर्चाएं क्षेत्र में जोरों पर है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या घटनाओं को दबाकर पुलिस अब अपराध पर नियंत्रण करेगी ?
शिवालिक नगर निवासी कृष्ण कुमार गाजियाबाद में बिजनेस करते हैं. फ्रैक्चर होने के चलते इन दिनों वह अपने घर पर शिवालिक नगर में रह रहे हैं. 4 मई की रात में खिड़की की जाली काटकर चोर उनके घर में घुस गए और एक कमरे की अलमारी से सोने की चूड़ी, झुमके और कंगन समेत करीब 20 तोला सोना समेटकर फरार हो गए. परिवार जब अगली सुबह जागा तो घटना का पता चला.
उन्होंने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम पर इसकी सूचना दी. जिसके बाद रानीपुर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी जुटाई. पीड़ित परिवार ने लिखित तहरीर भी पुलिस को दी, लेकिन पुलिस 3 दिन बाद भी मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है. इन हालात में आम जनता की आफत और खुले घूमने वाले चोरों की चांदी कटनी तय है.
वहीं, इस घटना के अलावा चेन स्नैचिंग की घटना में भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. चेन लूट और चोरी जैसी गंभीर घटनाओं को लेकर रानीपुर पुलिस का यह रवैया मित्रता-सेवा-सुरक्षा के उत्तराखंड पुलिस के ध्येय वाक्य पर बट्टा लगा रहा है. वहीं, पुलिस कप्तान डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अभी तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई, इस बारे में जानकारी ली जाएगी. तत्काल मुकदमा दर्ज कर चोर और स्नैचरों की तलाश की जाएगी.