हरिद्वार : राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना दिया. उनका कहना है कि उन्हें सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया जाए. साथ ही ऐसे आंदोलनकारी जो चिन्हित नहीं हो सके हैं, उनको चिन्हित किया जाए और सभी राज्य के आंदोलनकारियों को प्रतिव्यक्ति पांच हजार की पेंशन दी जाए. ऐसे में आंदोलनकारियों ने अपनी इन मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा है.
वहीं, राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उत्तराखंड में लगातार पहाड़ों से पलायन हो रहा है, मगर सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही, सिर्फ और सिर्फ शराब की फैक्ट्री लगाने पर सरकार का ध्यान है. राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते रहे हैं, मगर इसके बावजूद भी सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की मांगे पूरी नहीं की जा रही है.
क्या हैं मुख्य मांगे
- गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित की जाए.
- राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण दिया जाए.
- राज्य आंदोलनकारी राज्य बनने के बाद भी अभी तक चिन्हित नहीं हो सके हैं उनको चिन्हित किया जाए.
- जितने भी राज्य आंदोलनकारी है उनको एक समान पांच हजार की पेंशन दी जाए.
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आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा उत्तराखंड के विकास की कई योजनाएं बनाई जानी चाहिए. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ से पलायन बड़ी मात्रा में हो रहा है. ऐसे में पहाड़ों पर कोई विकास का कार्य नहीं हो रहा है. साथ ही सरकार द्वारा पहाड़ों के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है.