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4 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का फूटा गुस्सा, किया धरना प्रदर्शन

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अपनी कई मांगों को लेकर लगातार आंदोलित हैं. ऐसे में शनिवार को राज्य आंदोलनकारी समिति द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की मांग है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाई जाए.

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Published : Nov 30, 2019, 11:58 PM IST

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4 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का फूटा गुस्सा

हरिद्वार : राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना दिया. उनका कहना है कि उन्हें सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया जाए. साथ ही ऐसे आंदोलनकारी जो चिन्हित नहीं हो सके हैं, उनको चिन्हित किया जाए और सभी राज्य के आंदोलनकारियों को प्रतिव्यक्ति पांच हजार की पेंशन दी जाए. ऐसे में आंदोलनकारियों ने अपनी इन मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा है.

4 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का फूटा गुस्सा

वहीं, राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उत्तराखंड में लगातार पहाड़ों से पलायन हो रहा है, मगर सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही, सिर्फ और सिर्फ शराब की फैक्ट्री लगाने पर सरकार का ध्यान है. राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते रहे हैं, मगर इसके बावजूद भी सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की मांगे पूरी नहीं की जा रही है.

क्या हैं मुख्य मांगे

  • गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित की जाए.
  • राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण दिया जाए.
  • राज्य आंदोलनकारी राज्य बनने के बाद भी अभी तक चिन्हित नहीं हो सके हैं उनको चिन्हित किया जाए.
  • जितने भी राज्य आंदोलनकारी है उनको एक समान पांच हजार की पेंशन दी जाए.

ये भी पढ़े : बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के समर्थन में साध्वी प्राची ने कही बड़ी बात, राहुल गांधी पर दर्ज करवाएंगी मुकदमा

आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा उत्तराखंड के विकास की कई योजनाएं बनाई जानी चाहिए. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ से पलायन बड़ी मात्रा में हो रहा है. ऐसे में पहाड़ों पर कोई विकास का कार्य नहीं हो रहा है. साथ ही सरकार द्वारा पहाड़ों के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है.

हरिद्वार : राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना दिया. उनका कहना है कि उन्हें सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया जाए. साथ ही ऐसे आंदोलनकारी जो चिन्हित नहीं हो सके हैं, उनको चिन्हित किया जाए और सभी राज्य के आंदोलनकारियों को प्रतिव्यक्ति पांच हजार की पेंशन दी जाए. ऐसे में आंदोलनकारियों ने अपनी इन मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा है.

4 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का फूटा गुस्सा

वहीं, राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उत्तराखंड में लगातार पहाड़ों से पलायन हो रहा है, मगर सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही, सिर्फ और सिर्फ शराब की फैक्ट्री लगाने पर सरकार का ध्यान है. राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते रहे हैं, मगर इसके बावजूद भी सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की मांगे पूरी नहीं की जा रही है.

क्या हैं मुख्य मांगे

  • गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित की जाए.
  • राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण दिया जाए.
  • राज्य आंदोलनकारी राज्य बनने के बाद भी अभी तक चिन्हित नहीं हो सके हैं उनको चिन्हित किया जाए.
  • जितने भी राज्य आंदोलनकारी है उनको एक समान पांच हजार की पेंशन दी जाए.

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आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा उत्तराखंड के विकास की कई योजनाएं बनाई जानी चाहिए. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ से पलायन बड़ी मात्रा में हो रहा है. ऐसे में पहाड़ों पर कोई विकास का कार्य नहीं हो रहा है. साथ ही सरकार द्वारा पहाड़ों के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है.

Intro:उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अपनी कई मांगों को लेकर लगातार आंदोलन की राह पर है आज हरिद्वार में राज्य आंदोलनकारी समिति द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया गया राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना दिया राज्य आंदोलनकारियों की मांग है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाई जाए राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण दिया जाए जो चिन्हित आंदोलनकारी नहीं हो सके हैं उनको चिन्हित किया जाए और सभी राज्य आंदोलनकारियों की एक समान 5 हजार की पेंशन दी जाए अपनी इन मांगो को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया वहीं राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उत्तराखंड में लगातार पहाड़ों से पलायन हो रहा है मगर सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है सिर्फ और सिर्फ शराब की फैक्ट्री लगाने पर सरकार का ध्यान हैBody:राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते रहे हैं मगर उसके बावजूद भी सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की मांगे पूरी नहीं की जा रही है इसको लेकर आज राज्य आंदोलनकारियों द्वारा हरिद्वार सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया गया और सिटी मजिस्ट्रेट को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा गया राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि हमारी चार मुख्य मांगे हैं गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित की जाए राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण दिया जाए जो राज्य आंदोलनकारी राज्य बननेेे के बाद भी अभी तक चिन्हित नहीं हो सके हैं उन को चिन्हित किया जाए और और जितने भी राज्य आंदोलनकारी है उनको एक समान 5 हजार की पेंशन दी जाए यह हमारी मुख्य चार मांगे हैं इसके साथ ही सरकार द्वारा उत्तराखंड के विकास की योजना बनाई जाए क्योंकि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ से पलायन बड़ी मात्रा में हो रहा है पहाड़ों पर कोई विकास का कार्य नहीं हो रहा है सरकार द्वारा इसकी कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है सिर्फ शराब की फैक्ट्री खोल दी गई है और इसके माध्यम से पहाड़ का विकास करना चाहती है सरकार उत्तराखंड में अब तक जितनी भी सरकारें बनी है उनके द्वारा उत्तराखंड के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया गया

बाइट--सतीश जोशी----केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष----राज्य आंदोलनकारी
बाइट--हर्ष प्रकाश कला----केंद्रीय अध्यक्ष----राज्य आंदोलनकारीConclusion:उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही राज्य आंदोलनकारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे हैं कई मांगे तो उत्तराखंड सरकार द्वारा उनकी पूरी कर दी गई मगर आज भी उनकी प्रमुख मांग गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाना राज्य आंदोलनकारियों को 10% का आरक्षण देना और राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हित करना इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन देना इसको लेकर राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से आंदोलन करते आए हैं अब देखना होगा सरकार कब तक राज्य आंदोलनकारियों की इन मांगों को पूरी करती है
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