हरिद्वार: ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर दमदार असर देखने को मिला है. ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होते ही पुलिस ने कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में चल रहे अवैध सट्टे व शराब कारोबारी के ठिकाने पर दबिश देकर करीब ₹35,000 की नकदी के साथ 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि पुलिस की इस छापेमारी की भनक लगते ही मौके से शराब का जखीरा हटा दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में अपने ठिकाने पर सट्टा खिलाने वाले को भी गिरफ्तार किया है.
कोतवाली पुलिस ने निकाला था जुलूस: आपको बता दें कि कोतवाली ज्वालापुर का चार्ज संभालते ही कोतवाली इंचार्ज आरके सकलानी ने धर्मेंद्र उर्फ पिंका निवासी मोहल्ला कडच्छ के घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान कोतवाली पुलिस ने मौके से पकड़े गए सभी लोगों का कोतवाली ज्वालापुर तक पैदल जुलूस निकाला था. मीडिया को भी तत्काल इसकी जानकारी दी थी. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई के 1 दिन बाद ही यहां पर न केवल सट्टे का कारोबार बल्कि शराब का कारोबार भी धड़ल्ले से जारी हो गया था.
जुलूस निकालने के अगले दिन फिर शुरू हो गई सट्टेबाजी: ईटीवी भारत ने सोमवार सुबह ही इस जगह की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और बताया था कि किस तरह एक मकान में बैठकर दोबारा न केवल लोगों को सट्टा खिलाया जा रहा है, बल्कि यहां पर धड़ल्ले से बीयर और शराब भी बेची जा रही है. इसके लिए बेचने वाला अब ऑनलाइन पेमेंट की भी व्यवस्था कर रहा है. इस खबर के प्रकाशित होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.
छापे से पहले मास्टर माइंड फरार: एसएसपी और एसपी सिटी के निर्देश पर रेल चौकी इंचार्ज ने पुलिस टीम के साथ सोमवार शाम करीब 7:00 इस स्थान पर ही दबिश दी और मौके से सट्टा लगाने वाले 14 लोगों के साथ सट्टा लगवाने वाले धर्मेंद्र उर्फ पिंका को भी धर दबोचा. पुलिस का छापा लगते ही मौके पर मौजूद काफी लोग फरार होने में भी कामयाब रहे. पुलिस के पहुंचने से पहले ही इस पूरे कारोबार का मास्टरमाइंड धर्मेंद्र का पिता मौके से फरार हो गया.
मुख्य आरोपी के फरार होने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी जब कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने इस स्थान पर दबिश दी थी तो तब भी मुख्य आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया था. उस समय भी सिर्फ उसका बेटा धर्मेंद्र ही पुलिस के हाथ लगा था. कोतवाली ज्वालापुर पुलिस रात 1:00 बजे तक भी मीडिया को पकड़े गए आरोपियों और वहां से बरामद हुए अन्य सामान की जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाई.
कहां गई शराब: जिस स्थान पर पुलिस ने छापेमारी की है, उस स्थान पर खुलेआम सट्टा तो खिलवाया ही जाता था, साथ ही वह शराब बेचने का इलाके का प्रमुख अड्डा भी था. रविवार रात भी दुकान मालिक द्वारा शराब तत्काल उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन सोमवार को जब पुलिस ने दबिश दी तो मौके से पुलिस का दावा है कि शराब की एक बोतल भी नहीं मिली. यदि यह सच है तो आखिरकार दुकान में बेची जाने वाली शराब कहां गई.
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किसने की मुखबिरी: पुलिस की यह कार्रवाई आला अधिकारियों के सख्त आदेश के बाद हुई थी. फिर भी कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में पुलिस के बीच कोई ना कोई इस अवैध कारोबार को संचालित करने वाले का मुखबिर भी मौजूद हैं, जिन्होंने पुलिस के पहुंचने से पहले ही पिंका को पुलिस के आने की सूचना दे दी. इसके चलते वहां से शराब को गायब कर दिया गया. अब इस विभीषण का पता कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को लगाना है, जिसने छापे की सूचना लीक की.