हरिद्वार: टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी टीम कांस्य से चूक गई है. कांस्य पदक के मैच में उसे ग्रेट ब्रिटेन के हाथों हार मिली है. इस हार के साथ ही भारतीय महिला टीम का कांस्य पदक जीतने का सपना टूट गया है. भारत ने इस मुकाबले में ब्रिटेन को कड़ी टक्कर दी. दूसरे क्वार्टर तक भारत ने इस मैच पर अपना दबदबा बनाए रखा था. मैच का चौथा क्वार्टर ग्रेट ब्रिटेन के नाम रहा. वहीं हार के बाद भारतीय महिला हाकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया के परिजन निराश दिखाई दिए.
पूरे मैच के दौरान वंदना कटारिया की मां तिरंगा लिए मैच देखती रहीं. आखिरी में मिली हार के बाद वह चुपचाप घर के नीचे एक कमरे में चली गईं. उनसे बात की तो निराशा साफ नजर आई, लेकिन उन्होंने कहा हम आज हारे जरूर हैं, भविष्य हमारा है.
वंदना के चाचा का कहना है कि ओलंपिक में पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. हारे हैं लेकिन शान से, ब्रॉन्ज मेडल की लड़ाई में हमारी लड़कियां पूरी जान लगाकर खेली हैं.आखिरी फैसला ब्रिटेन के पक्ष में गया, निराशा जरूर हुई लेकिन उससे कहीं ज्यादा भविष्य के लिए टोक्यो ओलंपिक उम्मीदें भी जगा गया.
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वंदना कटारिया के भाई का कहना है कि सभी ने अच्छा खेला और यहां तक भी पहुंचना काफी बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि एक साल तक उन्होंने पापा से बात भी नहीं की थी. बात करती थी तो टीम के परफॉर्मेंस के बारे में बताती थी और टीम अच्छा खेल रही उसके बारे में बात करती थी.
वंदना की भाभी ने कहा कि सभी ने अच्छा खेला है और खेल को आगे बढ़ाया ये तारीफ के लायक है. वे चाहती हैं की बेटियां आगे भी मेहनत करती रहें और देश की हॉकी को आगे बढ़ाती रहें. इस बार नहीं तो अगली बार मेडल जरूर आएगा. वो आम लड़किया नहीं हैं. भारत की शेरनियां हैं.