लक्सरः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID-19) को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इतना ही नहीं प्रशासन के लाख समझाने के बाद भी की लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा लक्सर में देखने को मिल रहा है. जहां शाम छह बजे के बाद ज्यादातर लोग सड़कों पर टहलते नजर आ रहे हैं. जिन्हें न तो कोरोना का डर और न ही पुलिस-प्रशासन का खौफ.
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक के लिए बढ़ा दी है. शासन-प्रशासन भी लगातार लोगो से लॉक डाउन का पालन करने की अपील कर रहा है. बावजूद इसके लक्सर में लोगों पर पुलिस-प्रशासन की इस अपील का कोई खासा असर नहीं हो रहा है.
लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक जरूरी सामान खरीदने के लिए छूट दी है. हालांकि, लोग छूट के दौरान तो काफी आना-जाना करते हैं, लेकिन लक्सर में शाम के छह बजे के बाद ज्यादातर बच्चे, बूढ़े और जवान बेखौफ होकर सड़कों पर घूमते हैं. मोहल्ले में औरतें भी आपस में इकट्ठा होकर गपशप करती नजर आती है.
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शासन-प्रशासन के लगातार प्रचार करने के बावजूद भी लोग कोरोना महामारी को बहुत हल्के में ले रहे हैं. जबकि, लक्सर क्षेत्र के बहादरपुर गांव में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. जिसके बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है और बहादरपुर गांव की सीमा को सील कर दिया है. साथ ही कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए 55 लोगों को भी प्रशासन ने क्वॉरंटाइन के लिए हरिद्वार भेजा है.
वहीं, जनहित में काम कर रहे लोगों का कहना है कि वो लोगों को समझा रहे हैं कि कोरोना महामारी को हल्के में न लें और लॉकडाउन का पालन करें. जिससे इस करोना महामारी को जड़ से समाप्त किया जा सके. इसके बावजूद लोग मानने को तैयार ही नहीं है. ऐसे में पुलि-प्रशासन को सख्ती दिखाने की जरुरत है.