हरिद्वार/रुद्रपुर: ऊर्जा प्रदेश होने के बाद भी उत्तराखंड के लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. अघोषित बिजली कटौती के विरोध में शुक्रवार को हरिद्वार और रुद्रपुर में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और ऊर्जा निगम के दफ्तरों में अधिकारियों का घेराव भी किया.
रुद्रपुर में हुआ हंगामा: अघोषित बिजली कटौती को लेकर शुक्रवार को रुद्रपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और वर्तमान विधायक शिव अरोड़ा अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग डीजीएम कार्यालय पहुंचे. यहां एक तरफ पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने जहां अघोषित बिजली कटौती पर अपना गुस्सा जाहिर किया. राजकुमार ठुकराल डीजीएम कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए थे.
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वहीं, वर्तमान विधायक शिव अरोड़ा ने अधिकारियों को फटकार लगाई और उनके पेंच कसे. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की. बैठक में अधिकारी बिजली कटौती को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए, जिस पर विधायक आग बबूला हो गए. इस दौरान विधायक ने बिजली कटौती का समय निर्धारित करने और कम से कम कटौती करने के निर्देश दिए, जिसके बाद अधिकारियों ने कटौती का समय निर्धारित करने का आश्वासन दिया है.
हरिद्वार में व्यापारी ने दिखाया गुस्सा: वहीं, अघोषित बिजली कटौती की समस्या को लेकर ही हरिद्वार में भी व्यापारी ने ऊर्जा निगम के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में व्यापारियों ने ऊर्जा निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
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सुनील सेठी ने कहा कि कांवड़ यात्रा से पूर्व भी बिजली की आंख मिचौली जारी थी. अब कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है. दिन में भी और रात के समय भी कई-कई घंटे लाइट जा रही है. शुक्रवार सुबह भी करीब तीन घंटे लाइट गायब रही. इसकी वजह से व्यापारी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सेठी ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि कम से कम कांवड़ यात्रा के समय विशेषकर उतरी हरिद्वार से लेकर शिवमूर्ति तक विद्युत कटौती बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. इसके लिए अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं कर्मचारियों की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे फाल्ट आते ही तुरंत ठीक किया जाए.