रुड़की: मंगलौर कोतवाली (Roorkee Mangalore Kotwali) क्षेत्र के लंढौरा कस्बे (Roorkee Landhaura town) में वाल्मीकि जयंती पर शोभायात्रा (Roorkee Valmiki Jayanti procession) निकालने की अनुमति ना मिलने पर पुलिस और वाल्मीकि समाज के लोगों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. वहीं पुलिस प्रशासन (police administration) के अधिकारी पहली बार इस तरह से शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दे पाए, जिससे माहौल गर्मा गया. कस्बे में तनाव का माहौल बनने लगा और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भारी पुलिस फोर्स के साथ कस्बे में डेरा डाले रखा.
इस दौरान भाजपा के साथ-साथ हिंदू संगठनों से जुड़े अनेक कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना कस्बे में शोभायात्रा नहीं निकाली जा सकी. हालांकि वाल्मीकि समाज के मोहल्ले में शोभायात्रा का आयोजन किया गया. इस दौरान ढोल नगाड़ों से वाल्मीकि की शोभायात्रा समाज के गली मोहल्लों से निकाली गई. इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध (Roorkee Police Force) किए गए थे. सीओ मंगलौर पंकज गैरोला, एसडीएम रुड़की विजयनाथ शुक्ला भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर मौजूद रहे.
पढ़ें-धामी सरकार का लोकतंत्र सेनानियों को तोहफा, पेंशन में ₹4000 की बढ़ोतरी
इतना ही नहीं कई थानों की पुलिस फोर्स और कोतवाल भी इस दौरान सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए थे. वहीं वाल्मीकि समाज के लोग शोभायात्रा निकालने पर अड़े रहे, जिसे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रोकने की काफी कोशिश की. जिसके चलते मौके पर कई बार तनाव और धक्का-मुक्की भी देखने को मिली. इस दौरान पुलिस के बड़े अधिकारी फोन पर पल-पल की अपडेट भी लेते रहे. वहीं मंगलौर सीओ पंकज गैरोला (Mangalore CO Pankaj Gairola) ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने नहीं लेने दिया जाएगा. शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी गई है. कस्बे में शांति कायम करना उनका पहला मकसद है. कस्बे में पूरी तरह से शांति है. बिना अनुमति के शोभायात्रा नहीं निकालने दी जाएगी.