हरिद्वारः पतंजलि योगपीठ जल्द ही वैदिक भारतीय शिक्षा बोर्ड का प्रारूप तैयार करने जा रही है. इसके लिए सरकार से अनुमति भी मिल गई है. योग गुरू बाबा रामदेव का कहना है कि जल्द ही वैदिक शिक्षा बोर्ड को पूरे देश भर में लागू किया जाएगा. इस वैदिक शिक्षा बोर्ड में रोजगारपरक शिक्षा के साथ करियर व्यवसाय से लेकर भारतीय प्राचीन शिक्षा परंपरा का समावेश होगा.
योग गुरू बाबा रामदेव ने सोमवार को सीबीएसई बोर्ड के 10वीं के परीक्षा परिणाम घोषित होने के मौके पर कहा कि उनके शिक्षण संस्थान आचार्यकुलम के छात्रों ने सीबीएसई बोर्ड में परचम लहराया है. उन्होंने कहा कि आचार्यकुलम के एक छात्र ने देश भर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. वो आचार्यकुलम के जरिये भावी भारत की नई पौध तैयार कर रहे हैं. जिसका विस्तार पूरे देश भर में किया जाएगा.
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बाबा ने एलान करते हुए कहा कि योग, आयुर्वेद, स्वदेशी के बाद भारतीय शिक्षा को लेकर बड़ा काम करने जा रहे हैं. इसके लिए वो अलग से वैदिक भारतीय शिक्षा बोर्ड बनाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1835 में लार्ड मैकाले ने इंडियन एजुकेशन एक्ट बनाया था. उन्होंने भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति के अनुरूप और ऋषि परंपरा की भारतीय शिक्षा पद्धति को हटाकर उनकी शिक्षा पद्धति को नष्ट कर दिया था. उसी भारतीय शिक्षा पद्धति को वो एक बार फिर से पुनर्जीवित करने जा रहे हैं.
वहीं, सीबीएसई बोर्ड की 10वी में तीसरा स्थान हासिल करने वाले छात्र दिव्यांश अपनी सफलता पर बेहद खुश हैं. वो इस सफलता के श्रेय बाबा रामदेव के साथ संस्था के शिक्षकों और माता-पिता को देते हैं. दिव्यांश ने बताया कि वो डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना लक्ष्य है.