हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में गुरुवार को निर्जला एकादशी के अवसर पर लोगों ने सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन गर्मी से राहत के लिए पानी पिलाने और फल बांटने से पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में में हरिद्वार के कुछ व्यापारियों ने राहगीरों को चिलचिलाती धूप से राहत देने के लिए तरबूज बांटा.
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सनातन हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी के पावन पर्व पर जो भी मनुष्य दान पुण्य करता है. उसका वह दान पुण्य अक्षय हो जाता है. इसीलिए आज के दिन ऐसा देखने को मिलता है कि लोग तमाम चौराहों, रास्तों, चोकों पर ठंडा पानी शरबत एवं मौसमी फल वितरित करते हैं. धर्मनगरी हरिद्वार में इसी परंपरा को निभाते हुए आज कुछ स्थानीय व्यापारियों ने लोगों और राहगीरों को फल बांटे.
वहीं, अक्सर देखने को मिलता है कि निर्जला एकादशी को मानने वाले लोग जब राहगीरों को पानी वितरित करते हैं. तो उसमें जल की बहुत बर्बादी होती है. साथ ही प्लास्टिक के ग्लास भी प्रदूषण फैलाता है. ऐसे में धर्मनगरी के व्यापारियों ने इसके बजाय एक नायाब तरीका खोज निकाला है और राहगीरों को बोतल बंद पानी या प्लास्टिक के ग्लास में शरबत देने की बाजाय तरबूज बांटा. जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है और साथ ही शरीर में पानी की कमी की भी पूर्ति करता है.