हरिद्वार: निरंजनी अखाड़े के रमता पंच और नागा संन्यासी पहला नगर प्रवेश कर चुके हैं. अब शनिवार को निरंजनी अखाड़ा कुंभ मेले की पहली धर्म ध्वजा भी स्थापित करेगा. इसको लेकर निरंजनी अखाड़े के साधु संत और मेला प्रशासन के अधिकारियों ने धर्म ध्वजा स्थल का निरीक्षण किया और प्रशासन से धर्म ध्वजा स्थापित करने और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए जाने की मांग की.
गौर हो कि अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धर्म ध्वजा होती है, क्योंकि धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद ही अखाड़ों का विधिवत कुंभ शुरू हो जाता है. धर्म ध्वजा के नीचे ही संन्यासी अखाड़े द्वारा नागा संन्यासियों को अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर द्वारा संन्यास की दीक्षा दी जाती है, मगर धर्म ध्वजा स्थापित होने पर अखाड़े के आठ श्री महंत इसमें मौजूद नहीं होते.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि धर्म ध्वजा 52 फुट की होती है. उसको सुरक्षित कैसे स्थापित किया जाए इसको लेकर मेला प्रशासन के अधिकारियों को भी बुलाया गया है. शनिवार सुबह 9 सुबह बजे धर्म ध्वजा स्थल पर विधिवत पूजन करके स्थापित की जाएगी, जिसके बाद अखाड़े का कुंभ मेला प्रारंभ हो जाएगा.
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वहीं, कुंभ मेले के अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि कुंभ मेला 2021 का आगाज हो गया है. धर्म ध्वजा स्थापित करने के लिये निरंजनी अखाड़े द्वारा मेला प्रशासन से जेसीबी की मांग की गई है. धर्म ध्वजा स्थापित करते वक्त कोई दुर्घटना न हो इसको लेकर भी अखाड़े के साधु संतों द्वारा व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है. धर्म ध्वजा स्थापित कार्यक्रम में मेला प्रशासन के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे और मेले को सकुशल संपन्न कराने की प्रार्थना की जाएगी.