हरिद्वार: महाकुंभ की तैयारियों के बीच शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब कुंभ मेल में आवंटित भूमि पर कब्जे को लेकर नागा और बैरागी अखाड़े के संत आमने-समाने आ गए. वहीं, गुस्साए नागा संतों ने बैरागियों के दिगंबर अखाड़े के प्रमुख का घेराव कर दिया. हालांकि, मौके पर पहुंचे मेला प्रशासन के अधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर दोनों पक्षों को शांत करवा दिया. उधर, भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वरो को भी जल्द भूमि आवंटन करने की मांग की है.
दरअसल, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के आदेश के बाद यहां के बैरागी कैंप क्षेत्र में बैरागी अखाड़ों को जमीन आवंटित की जा रही है. इसी क्रम में यहां बैरागी कैंप में दिगंबर अखाड़े की जमीन की पैमाइश की जा रही थी कि तभी दिगंबर अखाड़े को आवंटित की गई जमीन के बगल में लगे निरंजनी अखाड़े के नागा सन्यासी भड़क उठे. नागा सन्यासियों का कहना है कि उन्हें यह भूमि पहले ही आवंटित की जा चुकी है. ऐसे में आवंटित भूमि पर अब मेला प्रशासन बैरागी अखाड़ों के साथ कब्जा करने का प्रयास कर रहा है.
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वहीं, नागा सन्यासियों ने कहा कि अपनी इस समस्या से वे अखाड़ों के वरिष्ठ संतों को अवगत कराएंगे. इस दौरान बैरागी और नागा संतों में जमकर झड़प भी हुई. नागा सन्यासियों ने श्री महंत धर्मदास को जमकर खरी-खोटी सुनाई. मौके पर पहुंचे मेरा प्रशासन के आलाअधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर दोनों पक्षों को शांत कराया. इस मामले में श्री महंत धर्मदास के अनुसार मेले में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. मेला प्रशासन का सभी को सहयोग मिल रहा है.
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उधर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी सीएम तीरथ सिंह रावत से सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वरों और संतों को भूमि आवंटन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सभी अखाड़ों को मूलभूत सुविधा जल्द उपलब्ध करवाई जाएं, क्योंकि कुंभ को थोड़ा ही समय शेष है, ऐसे में मेला प्रशासन को युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए.