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मदरसों के मॉडर्नाइजेशन से नाखुश संचालक, बताया राजनीतिक रोटियां सेंकने का जरिया

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Published : Nov 25, 2022, 1:24 PM IST

उत्तराखंड में मदरसों के मॉडर्नाइजेशन (Modernization of Madrasas in Uttarakhand) से मदरसा संचालक नाखुश दिख (Madrasa operator unhappy with modernization) रहे हैं. मदरसा संचालक इसे राजनीति से प्रेरित कदम बता रहे हैं. मदरसा संचालकों का कहना है मदरसे में पहले से ही ड्रेस कोड का नियम कायम है.

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मदरसों के मॉडर्नाइजेशन से नाखुश मदरसा संचालक

हरिद्वार: उत्तराखंड के मदरसों में सरकार ड्रेस कोड (dress code in madrassas of uttarakhand) लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके पहले चरण में 7 मदरसों को मॉडर्न (7 madrasas will be made modern) बनाया जाएगा. इन 7 मदरसों में अगले शैक्षिक सत्र से ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. ड्रेस कोड लागू किये जाने के मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) की सहमति मिल चुकी है. वहीं, मदरसों के मॉडर्नाइजेशन से मदरसा संचालक नाखुश दिख रहे हैं. मदरसा संचालकों ने इसे राजनीतिक रोटियां सेंकने वाला काम बताया.

हरिद्वार के मदरसा संचालकों का कहना है कि समय-समय पर मदरसों में नवीनीकरण कराया जा रहा है. चाहे वह एनसीईआरटी से जुड़े हों या नहीं. वहीं, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के इस फैसले को मदरसा संचालक राजनीतिक रोटियां सेंकने का कार्य बता रहे हैं.
पढे़ं- उत्तराखंड में आने वाली है नौकरियों की बहार, शिक्षा विभाग और पंचायत राज में होंगी बंपर भर्तियां

हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित मदरसा के प्रबंधक ने बताया कि अक्सर मदरसों की छवि को बिगाड़ने का कार्य किया जाता है. इसके विपरीत मदरसों द्वारा इंग्लिश, विज्ञान सहित मैथमेटिक्स की तालीम बच्चों को दी जाती है. जिससे आने वाले समय में बच्चे अपने भविष्य का खुद फैसला ले सकें. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा मदरसे में ड्रेस कोड के फैसले को उन्होंने सही बताया. उन्होंने कहा मदरसे में पहले से ड्रेस कोड का नियम कायम है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा कोई भी नवीनीकरण मदरसों के लिए जरूरी नहीं है.
पढे़ं- यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड के मदरसों का भी होगा मॉर्डनाजेशन, ड्रेस कोड भी किया जाएगा लागू

पहले चरण में 7 मदरसे होंगे मॉडर्न: वफ्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स (waff board president shadab shams) ने कहा कि प्रदेश के 103 मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. इसके अलावा सभी मदरसों में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी लागू की जाएंगी. दरअसल, उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के दायरे में 103 मदरसे आते हैं. शादाब शम्स ने कहा, मदरसों को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर चलाई जाने की भी तैयारी है. पहले चरण में 7 मदरसे मॉडर्न बनाए जाएंगे. जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भी सहमति मिल चुकी है.

शादाब शम्स (waff board president shadab shams) ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तरह प्रदेश के मदरसों से बच्चे आगे बढ़ें, इसी प्रयास के तहत मॉडर्न मदरसों को शुरू किया जा रहा है. जिसमें छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. मॉडर्न मदरसों की बात करें तो दो देहरादून, दो उधम सिंह नगर, दो हरिद्वार जिले और एक नैनीताल जिले में माडर्न मदरसा शुरू किया जाएगा. उसके बाद बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी 103 मदरसों में मॉडर्न मदरसों की तरह ही ड्रेस कोड और सीबीएसई का पाठ्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा.

हरिद्वार: उत्तराखंड के मदरसों में सरकार ड्रेस कोड (dress code in madrassas of uttarakhand) लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके पहले चरण में 7 मदरसों को मॉडर्न (7 madrasas will be made modern) बनाया जाएगा. इन 7 मदरसों में अगले शैक्षिक सत्र से ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. ड्रेस कोड लागू किये जाने के मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) की सहमति मिल चुकी है. वहीं, मदरसों के मॉडर्नाइजेशन से मदरसा संचालक नाखुश दिख रहे हैं. मदरसा संचालकों ने इसे राजनीतिक रोटियां सेंकने वाला काम बताया.

हरिद्वार के मदरसा संचालकों का कहना है कि समय-समय पर मदरसों में नवीनीकरण कराया जा रहा है. चाहे वह एनसीईआरटी से जुड़े हों या नहीं. वहीं, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के इस फैसले को मदरसा संचालक राजनीतिक रोटियां सेंकने का कार्य बता रहे हैं.
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हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित मदरसा के प्रबंधक ने बताया कि अक्सर मदरसों की छवि को बिगाड़ने का कार्य किया जाता है. इसके विपरीत मदरसों द्वारा इंग्लिश, विज्ञान सहित मैथमेटिक्स की तालीम बच्चों को दी जाती है. जिससे आने वाले समय में बच्चे अपने भविष्य का खुद फैसला ले सकें. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा मदरसे में ड्रेस कोड के फैसले को उन्होंने सही बताया. उन्होंने कहा मदरसे में पहले से ड्रेस कोड का नियम कायम है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा कोई भी नवीनीकरण मदरसों के लिए जरूरी नहीं है.
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पहले चरण में 7 मदरसे होंगे मॉडर्न: वफ्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स (waff board president shadab shams) ने कहा कि प्रदेश के 103 मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. इसके अलावा सभी मदरसों में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी लागू की जाएंगी. दरअसल, उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के दायरे में 103 मदरसे आते हैं. शादाब शम्स ने कहा, मदरसों को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर चलाई जाने की भी तैयारी है. पहले चरण में 7 मदरसे मॉडर्न बनाए जाएंगे. जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भी सहमति मिल चुकी है.

शादाब शम्स (waff board president shadab shams) ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तरह प्रदेश के मदरसों से बच्चे आगे बढ़ें, इसी प्रयास के तहत मॉडर्न मदरसों को शुरू किया जा रहा है. जिसमें छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. मॉडर्न मदरसों की बात करें तो दो देहरादून, दो उधम सिंह नगर, दो हरिद्वार जिले और एक नैनीताल जिले में माडर्न मदरसा शुरू किया जाएगा. उसके बाद बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी 103 मदरसों में मॉडर्न मदरसों की तरह ही ड्रेस कोड और सीबीएसई का पाठ्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा.

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