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कांवड़ यात्रियों पर गुलदार का खतरा, राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र वन कर्मचारी तैनात - उत्तराखंड न्यूज

हर साल राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र से आवागमन करने वाले कांवड़ यात्रियों पर गुलदार का खतरा रहता है. ऐसे में इस साल राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

कांवड़ यात्रियों पर गुलदार का खतरा
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Published : Jul 25, 2019, 3:23 PM IST

हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बीते कुछ सालों में गुलदार ने अपना आतंक मचाया हुआ है. ऋषिकेश से सटे रायवाला क्षेत्र में गुलदार अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इसी को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने हाइवे से गुजरने वाले कावड़ियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

कांवड़ यात्रियों पर गुलदार का खतरा.

कांवड़ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार और नीलकंठ महादेव मंदिर जाते हैं, अधिकतर कावड़िये हरिद्वार, रायवाला औैर ऋषिकेश होते हुए इन मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. ऐसे में कावड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस इलाके में कांवड़ियों को सावधान करने के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं.

राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने भारी संख्या में वन कर्मचारियों को राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तैनात किया है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार से गंगाजल भरकर कांवड़िये ऋषिकेश और नीलकंठ की तरफ जाते हैं. वहां पर कई ऐसे कई प्वाइंट है जहां पर जंगली जानवरों का खतरा है. ऐसे प्वाइंट्स पर वन विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं.

हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बीते कुछ सालों में गुलदार ने अपना आतंक मचाया हुआ है. ऋषिकेश से सटे रायवाला क्षेत्र में गुलदार अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इसी को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने हाइवे से गुजरने वाले कावड़ियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

कांवड़ यात्रियों पर गुलदार का खतरा.

कांवड़ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार और नीलकंठ महादेव मंदिर जाते हैं, अधिकतर कावड़िये हरिद्वार, रायवाला औैर ऋषिकेश होते हुए इन मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. ऐसे में कावड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस इलाके में कांवड़ियों को सावधान करने के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं.

राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने भारी संख्या में वन कर्मचारियों को राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तैनात किया है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार से गंगाजल भरकर कांवड़िये ऋषिकेश और नीलकंठ की तरफ जाते हैं. वहां पर कई ऐसे कई प्वाइंट है जहां पर जंगली जानवरों का खतरा है. ऐसे प्वाइंट्स पर वन विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं.

Intro:राजाजी टाइगर रिजर्व में विगत कुछ वर्षों में गुलदार ने अपना आतंक मचाया हुआ है रायवाला क्षेत्र में गुलदार अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है इसी को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने हाइवे से गुजरने वाले कावड़ियों को सचेत करने के साथ साथ उनकी सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि कहीं पर कोई किसी तरह का हादसा ना हो आपको बता दें कि रायवाला के आसपास के जंगलों में गुलदार और हाथी सरी के जानवर आए दिन लोगों की जान लेते रहते हैं जरा सी असावधानी यहां से गुजरने वाले लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ जाती हैBody:कांवड़ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार के साथ-साथ नीलकंठ महादेव मंदिर भी जाते हैं और अधिकतर कावड़ हरिद्वार रायवाला ऋषिकेश होते हुए इन मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं कावड़ियों के आने का सिलसिला दिन रात जारी है यही कारण है कि इससे खतरा भी अधिक बढ़ गया है जानवरों के हमले के खतरे को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस इलाके में विशेष तौर पर कांवड़ियों को सावधान करने के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं जिसमें कावड़ियों से जंगल में न जाने हाईवे में न रुकने सहित कई चेतावनी जारी की गई है इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जगह-जगह वन विभाग की टीम भी मुस्तैद है जो कांवड़ियों को जंगल के इलाके में कहीं भी रुकने नही दे रही है

राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन अजय शर्मा का कहना है कि विगत कुछ वर्षों में खूंखार गुलदार का इस क्षेत्र में आतंक है और इस वक्त कावड़ यात्रा भी चल रही है जिसमें लाखों की संख्या में कांवड़िए गंगा जल भरने आ रहे हैं इसी को देखते हुए वन विभाग द्वारा भारी संख्या में वन कर्मचारियों को लगाया गया है और साथ ही कावड़ियों की सुरक्षा के लिए जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं जिससे कावड़ी है जंगल की तरफ ना जाए हरिद्वार से गंगाजल भरकर तरीका बढ़िया ऋषिकेश नीलकंठ की तरफ जाते हैं वहां पर भी ऐसे कई पॉइंट है जहां पर जंगली जानवरों का खतरा है वहाँ भी वन विभाग द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं वन विभाग पूरा सतर्क है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटित हो हमारे पास अभी पूरे संसाधन नहीं है इसको देखते हुए हमने जिला प्रशासन से भी संसाधनों की मांग की है जो अभी पूरा नहीं हो सका है बिल संसाधनों के भी हम पूरी सतर्कता से कार्य कर रहे हैं

बाइट--अजय शर्मा--राजाजी टाइगर रिजर्व वार्डन

जंगली क्षेत्र से गुजर रहे कावड़ियों के लिए जंगली जानवर हमेशा ही आतंक का पर्याय बने रहते है मगर कई कावड़िए इस तरफ कोई ध्यान नहीं देते हैं और जंगल की तरफ चले जाते हैं जिससे उन कावड़ियों को जंगली जानवरों का सामना करना पड़ता है और उनकी जान पर भी बनाती है कांवरियों का कहना है कि वन विभाग द्वारा जो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं वह कहीं जगह पेड़ों से ढक गए हैं इस तरह भी वन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है मगर वन विभाग द्वारा काफी जगह पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं जिससे कांवरियों को पता रहता है कि यह जंगली जानवर का क्षेत्र है मगर कई कावड़िए इन चेतावनी
बोर्ड पर ध्यान नहीं देते हैं और जंगल की तरफ चले जाते हैं जिस वजह से उनको नुकसान हो सकता है

बाइट--अंकित शर्मा-- कावड़िया
बाइट--पवन-- कावड़िया
Conclusion:रावला क्षेत्र में कुछ वर्षों से गुलदार का आतंक बना हुआ है और इसी को देखते हुए वन विभाग भी पूरा सतर्क नजर आ रहा है क्योंकि वन विभाग को भी अंदाजा है कि जिस तरह से लाखों की तादात में कावड़िए जल भरने हरिद्वार आ रहे हैं इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो इसी को देखते हुए वन विभाग ने जगह-जगह चेतावनी बोर्ड के साथ साथ वन विभाग की टीम भी तैनात की गई है जिससे आने वाले कांवड़ियों को जंगल में जाने से रोका जा सके
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