हरिद्वार: धर्मनगरी के भेल क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके नरभक्षी गुलदार की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. गुलदार के रिहायशी इलाकों में आ जाने के कारण वन प्रभाग इसे पकड़ने में नाकाम साबित हो रहा है. वहीं, भेल फैक्ट्री के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने वन मंत्री, जिलाधिकारी और डीएफओ को लोगों गुलदार से निजात दिलाने के लिए नोटिस भेजा है. साथ ही कोई अनहोनी होने पर तीनों की जिम्मेदारी होने की बात कही है.
अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया कि गुलदार रिहायशी इलाके में लगातार आ रहा है, यहां छोटे-2 बच्चे भी गुजरते हैं. साथ ही यहां कई कंपनियां भी हैं, जहां पर हजारों लोग काम करते हैं. लेकिन, वन मंत्री हरिद्वार जिलाधिकारी और डीएफओ प्रभाग का ध्यान इस तरफ नहीं है. जबकि गुलदार कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकता है.
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डीएफओ वन प्रभाग आकाश वर्मा ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व की काफी सीमा बीएचएल हरिद्वार से लगी हुई है. इस क्षेत्र में जंगली जानवरों को रोकने के लिए एक दीवार भी बनाई गई है. कई जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण वन जीव रात्रि के समय में रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं. आबादी क्षेत्र में लगातार आ रहे गुलदार को पकड़ने के लिए कई जगह कैमरे भी लगाए गए हैं. गुलदार को पकड़ने के लिए वन प्रभाग द्वारा चार टीमें बनाई गई हैं, जो इसके आने जाने पर निगरानी रख रही हैं. शाम होने पर हमारे द्वारा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है.