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महाकुंभ के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू, संत समाज ने जताई खुशी - महाकुंभ के भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू

कुंभ मेले में भूमि आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिस पर साधु-संत समाज ने खुशी जाहिर की है.

Land allocation process started for Haridwar Mahakumbh
महाकुंभ के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू
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Published : Dec 31, 2020, 8:41 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 8:47 PM IST

हरिद्वार: महाकुंभ को लेकर शासन और मेला प्रशासन ने अब भूमि आवंटन का काम शुरू कर दिया है. जिसके बाद साधु समाज के संतों की नाराजगी दूर होती दिखाई दे रही है. युवा भारत साधु समाज के संतों ने मेला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन के कार्य को शुरू करने की प्रक्रिया को लेकर खुशी जाहिर की है. वहीं, कुंभ मेले के कार्यों से भी कई संत सहमत नजर आए. कुछ संतो ने धरातल पर कार्य को लेकर अखाड़ा परिषद के साथ वार्ता करने की बात कही.

महाकुंभ के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू

एक जनवरी से भूमि आवंटन को लेकर तमाम अखाड़े और मठ मंदिरों के साधु-संतों ने मांग की थी कि जल्द से जल्द भूमि आवंटन का कार्य शुरू किया जाए. भारत साधु समाज द्वारा एक जनवरी से भूमि आवंटन का कार्य शुरू न होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी. जिसके बाद मेला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई है. तमाम साधु-संतों से प्रार्थना पत्र लेने शुरू कर दिए हैं. जल्द ही कुंभ मेले में भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: अलविदा 2020: जानें इस वर्ष उत्तराखंड की क्या रही उपलब्धियां ?

वहीं, कुंभ कार्यों को लेकर लगातार अखाड़ा परिषद और साधु संत अपनी नाराजगी दिखा रहे थे. मगर अब साधु संत ही कुंभ कार्यों को लेकर मेला प्रशासन से संतुष्ट नजर आ रहे हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी का कहना है कि अखाड़ों की पॉलिसी शासन-प्रशासन को ब्लैकमेल करने की होती है, क्योंकि उनको कुंभ में पैसा सरकार और जिला प्रशासन से लेना होता है. इसलिए उनके द्वारा इस तरह के वक्तव्य दिए जाते हैं. कुंभ कार्यों को लेकर संतों को धरातल पर जाकर कार्य देखना चाहिए. सभी अखाड़ों को एक-एक करोड़ में से शासन द्वारा अब 40 लाख दिये जा चुके हैं. बाकी पैसा भी आने वाला है.

पढ़ें: 2022 चुनावी दंगल: प्रदेश में AAP ने झोंकी ताकत, जोर आजमाइश के लिए तैयार

वहीं, चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष संजय महंत का कहना है कि कुंभ को लेकर राज्य सरकार द्वारा कुछ भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था. इसे लेकर एक जनवरी को विरोध किया जाना था. मगर अब कुंभ मेले को लेकर मेला प्रशासन ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

हरिद्वार: महाकुंभ को लेकर शासन और मेला प्रशासन ने अब भूमि आवंटन का काम शुरू कर दिया है. जिसके बाद साधु समाज के संतों की नाराजगी दूर होती दिखाई दे रही है. युवा भारत साधु समाज के संतों ने मेला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन के कार्य को शुरू करने की प्रक्रिया को लेकर खुशी जाहिर की है. वहीं, कुंभ मेले के कार्यों से भी कई संत सहमत नजर आए. कुछ संतो ने धरातल पर कार्य को लेकर अखाड़ा परिषद के साथ वार्ता करने की बात कही.

महाकुंभ के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू

एक जनवरी से भूमि आवंटन को लेकर तमाम अखाड़े और मठ मंदिरों के साधु-संतों ने मांग की थी कि जल्द से जल्द भूमि आवंटन का कार्य शुरू किया जाए. भारत साधु समाज द्वारा एक जनवरी से भूमि आवंटन का कार्य शुरू न होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी. जिसके बाद मेला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई है. तमाम साधु-संतों से प्रार्थना पत्र लेने शुरू कर दिए हैं. जल्द ही कुंभ मेले में भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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वहीं, कुंभ कार्यों को लेकर लगातार अखाड़ा परिषद और साधु संत अपनी नाराजगी दिखा रहे थे. मगर अब साधु संत ही कुंभ कार्यों को लेकर मेला प्रशासन से संतुष्ट नजर आ रहे हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी का कहना है कि अखाड़ों की पॉलिसी शासन-प्रशासन को ब्लैकमेल करने की होती है, क्योंकि उनको कुंभ में पैसा सरकार और जिला प्रशासन से लेना होता है. इसलिए उनके द्वारा इस तरह के वक्तव्य दिए जाते हैं. कुंभ कार्यों को लेकर संतों को धरातल पर जाकर कार्य देखना चाहिए. सभी अखाड़ों को एक-एक करोड़ में से शासन द्वारा अब 40 लाख दिये जा चुके हैं. बाकी पैसा भी आने वाला है.

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वहीं, चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष संजय महंत का कहना है कि कुंभ को लेकर राज्य सरकार द्वारा कुछ भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था. इसे लेकर एक जनवरी को विरोध किया जाना था. मगर अब कुंभ मेले को लेकर मेला प्रशासन ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

Last Updated : Dec 31, 2020, 8:47 PM IST
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