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क्रेन से गिरकर श्रमिक की मौत, परिजन ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप - Troubled laborers

बीते मंगलवार सहारनपुर के रहने वाले राकेश नाम के श्रमिक की मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही श्रमिक के परिजनों में कोहराम मच गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

श्रमिक की मौत.
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Published : Jul 18, 2019, 5:23 PM IST

भगवानपुर: खूनी कंपनियों में एक के बाद एक परिवारों के चिराग बुझ रहे हैं. लेकिन मृतकों के परिजनों को कंपनी की ओर से किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. मजदूरों के परिजनों का कहना है कि कंपनी में बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के काम करवाया जाता है. जिसका खामियाजा मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ता है.

श्रमिक की मौत.

मामला भगवानपुर थाने के रायपुर औद्योगिक क्षेत्र की कामा मेटल कंपनी का है. जहां बीते मंगलवार सहारनपुर के रहने वाले राकेश नाम के श्रमिक की मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही श्रमिक के परिजनों में कोहराम मच गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. मिली जानकारी के अनुसार अब तक कंपनी में यह तीसरे मजदूर की मौत है. बताया जा रहा है कि मृतक मजदूर कंपनी में क्रेन पर काम कर रहा था. तभी उसका संतुलन बिगड़ गया.

मृतक की पत्नी ने कंपनी सुपरवाइजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति से जबरदस्ती जोखिम भरा काम कराया जाता था. मृतक की पत्नी ने कहा कि मना करने के बाद भी उसके पति से बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खतरों का काम लिया जाता था. वहीं अगर बात कंपनी के मजदूरों की करें उनका भी कहना है कि काम के दौरान मजदूरों को किसी तरह की सेफ्टी नहीं दी जाती थी. इसके अलावा मजदूरों ने फर्स्ट एड बॉक्स को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े किये.

वहीं, पीड़ित परिवार ने कहा है कि मृतक पिछले दस सालों से कंपनी में काम करता आ रहा था. जिसका उसे कोई पीएफ और ईएसआई भी नहीं दिया गया. परिजनों ने कहा कि कंपनी मानकों को ताक पर रख कर मौत का खेल रही है.

भगवानपुर: खूनी कंपनियों में एक के बाद एक परिवारों के चिराग बुझ रहे हैं. लेकिन मृतकों के परिजनों को कंपनी की ओर से किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. मजदूरों के परिजनों का कहना है कि कंपनी में बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के काम करवाया जाता है. जिसका खामियाजा मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ता है.

श्रमिक की मौत.

मामला भगवानपुर थाने के रायपुर औद्योगिक क्षेत्र की कामा मेटल कंपनी का है. जहां बीते मंगलवार सहारनपुर के रहने वाले राकेश नाम के श्रमिक की मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही श्रमिक के परिजनों में कोहराम मच गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. मिली जानकारी के अनुसार अब तक कंपनी में यह तीसरे मजदूर की मौत है. बताया जा रहा है कि मृतक मजदूर कंपनी में क्रेन पर काम कर रहा था. तभी उसका संतुलन बिगड़ गया.

मृतक की पत्नी ने कंपनी सुपरवाइजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति से जबरदस्ती जोखिम भरा काम कराया जाता था. मृतक की पत्नी ने कहा कि मना करने के बाद भी उसके पति से बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खतरों का काम लिया जाता था. वहीं अगर बात कंपनी के मजदूरों की करें उनका भी कहना है कि काम के दौरान मजदूरों को किसी तरह की सेफ्टी नहीं दी जाती थी. इसके अलावा मजदूरों ने फर्स्ट एड बॉक्स को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े किये.

वहीं, पीड़ित परिवार ने कहा है कि मृतक पिछले दस सालों से कंपनी में काम करता आ रहा था. जिसका उसे कोई पीएफ और ईएसआई भी नहीं दिया गया. परिजनों ने कहा कि कंपनी मानकों को ताक पर रख कर मौत का खेल रही है.

Intro:श्रमिक की मौत Body:एंकर - टॉप- भगवानपुर
मिर्ज़ा- वसीम
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स्लग- श्रमिक की मौत

एंकर- खूनी कंपनियों में बढ़ता मौत का आतंक एक के बाद एक परिवारों के बुझ रहे है चिराग कहि पत्नी के सिर से पति का साया तो कही एक बेटे से उसके बाप का दुलार हो रहा है जुदा। कंपनी में सासों की डोरी टूटने के बाद होती है रकम की बंदर बाट , मृतक की लगाई जाती है बोली ।

दरसल पूरा मामला भगवानपुर थाने के रायपुर उधोयोगिक क्षेत्र स्थित कामा मेटल कंपनी का है जहाँ देर रात मौत के साये में काम कर रहे राकेश पुत्र शुखबीर जिला सहारनपुर नामक श्रमिक की मौत हो गयी। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया तथा उनका का रो रो कर हुआ बुरा हाल वही पुलिस प्रसासन ने मौके पर पहुच कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल हॉस्पिटल भिजवाया । प्राप्त सूत्रों की माने तो ये इस कंपनी एक महीने में तीसरी मौत है। आपको बता दे कि कंपनी के अंदर क्रेन के ऊपर कुछ कार्य कर रहा था जहां से उसका संतुलन बिगड़ गया और वो सिर के बल नीचे आ गिरा । यदि राकेश के सर पर हेलमेट होता तो शायद वह बच जाता।

जैसा कि आप तस्वीरों में देख रहे है कि किस तरहा मृतक की पत्नी रो रो कर कंपनी के अधिकारियों से अपने व अपने बेटे के लिये इंसाफ की गुहार लगा रही है वही मृतक की पत्नी का कहना है की कंपनी का सुपरवाइजर अंकुर जबरदस्ती मेरे पति से जान के जोखिम भरा काम कराता था मृतक के मना करने के बाद भी उसके पति से बिना किसी उपकरण के खतरे भरा काम लिया जाता था।
वही अगर बात कंपनी के मजदूरों की जाये तो मजदूरों का साफ कहना है कि ना तो गेट पर किसी भी मजदूर का नाम लिखा जाता है और ना ही किसी भी मजदूर को कोई सेफ्टी दी जाती है और तो और कंपनी में अगर कोई मजदूर काम करते समय चोटिल हो जाये तो कंपनी में फर्स्ट एड का बॉक्स भी मौजूद नही है तथा चोटिल मजदूर को दूसरे मजदूर ही मोटरबाइक पर उपचार के लिये खुद ही ले जाते है। कंपनी की और से मजदूरों को कोई भी सुविधा नही मिल पाती है
वही पीड़ित परिवार का आरोप है कि मृतक पिछले दस सालों से कंपनी में कार्य करता चला आ रहा है जिसका कोई भी पीएफ ईएसआई भी नही बना । मानकों को ताक पर रख कर मौत का काला खेल खेल रही है कामा मेटल कंपनी पर आखिरकार प्रशासन के आलाधिकारी कब कार्यवाही करेंगे। आखिरकार कंपनी के मालिकों पर मेहरबान ये अधिकारी क्यों नही पर पाए कोई ठोस कार्यवाही । इस बाबत पुलिस से पूछताछ करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

बाईट -मृतक की पत्नी।
बाईट- कामा मेटल कंपनी मजदूर।Conclusion:
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