रुड़की: खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्य की गिरफ्तारी मामले में पुलिस तेजी से जांच में जुटी है. पुलिस मामले से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है. केएलएफ के सदस्य की गिरफ्तारी के बाद कई नए तथ्य सामने आए हैं. बीते एक फरवरी को खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के एक सदस्य आशीष गगुनी को यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस ने पकड़ा था.
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया था. इसी प्रकरण को लेकर अब स्थानीय पुलिस जांच में जुटी हुई है. बताया जा रहा है कि पकड़ा गया सदस्य आशीष रुड़की में अपनी मुंह बोली बहन के यहां पहचान छिपाकर रह रहा था. आरोपी के रुड़की के कई बड़े कारोबारियों से गहरे सम्बंध बताए जा रहे हैं.
ये भी सामने आया है कि आरोपी ने ने रुड़की और हरिद्वार में अपना कारोबार जमाना भी शुरू कर दिया था. इन तमाम पहलुओं को लेकर खुफिया विभाग आशीष की कुंडली खंगालने में जुट गया है. इसी के मद्देनजर रुड़की पुलिस ने आशीष के मकान मालिक पर सत्यापन ना कराने को लेकर 10 हजार का जुर्माना लगाया है.
बता दें कि बीती 1 फरवरी को यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस ने संयुक्त रूप से रुड़की के जादूगर रोड स्थित एक मकान से आशीष गगुनी नामक एक युवक को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गए थी. पुलिस खुलासे में जानकारी मिली थी कि गिरफ्तार युवक आशीष केएलएफ संगठन को हथियार सप्लाई करता था. आरोपी आशीष पर संगीन धाराओं में कई मुकद्दमे दर्ज हैं. आरोपी जमानत पर बाहर था और रुड़की में पहचान छिपाकर अपनी मुंहबोली बहन के यहां रह रहा था.
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यूपी एटीएस की टीम और पंजाब पुलिस ने सूचना पर आरोपी को गिरफ्तार किया. इस घटना के बाद पुलिस के सत्यापन अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं.
एसपी देहात स्वप्न किशोर का कहना है कि समाज के बीच ही अपराधी घुल मिलकर रहते हैं. इसी कारण आशीष के आचरण पर किसी को कोई शक नहीं हुआ, लेकिन इसके बावजूद भी अगर किसी ने जानबूझकर लापरवाही बरती है तो उसकी जांच कराई जाएगी. फिलहाल, पुलिस तमाम पहलुओं की जांच पड़ताल कर रही है.