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कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित होने से व्यापारियों और गंगा सभा में रोष, डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने की अपील

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Published : Nov 27, 2020, 8:05 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 7:26 PM IST

30 नवंबर को हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान प्रतिबंध के संबंध में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने लोगों से विशेष अपील की. उन्होंने लोगों को प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है.

Haridwar
कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित होने से व्यापारियों में रोष

हरिद्वार: राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हरिद्वार में 30 नवंबर को पढ़ने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर हरिद्वार के व्यापारी और गंगा सभा के लोग आक्रोशित हैं. व्यापारियों और गंगा सभा ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. जिसके खिलाफ व्यापारियों ने प्रदर्शन कर अपना रोष जताया. गुस्साए व्यापारियों ने सरकार से की मांग जब कुंभ मेले को राज्य सरकार कराने की बात कर रहा है तो हर महीने पढ़ने वाले गंगा स्नान को स्थगित किया जा रहा है. इससे व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है.

कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित होने से व्यापारियों में रोष.

गौर हो कि इस वर्ष, कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को मनाई जाएगी. इसी दिन से कार्तिक माह का स्नान प्रारंभ हो जाएगा. वहीं हरिद्वार पुलिस प्रशासन पूरी शक्ति से स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं को आने से रोकने की तैयारी में जुटा है, जिससे व्यापारियों का पारा चढ़ा हुआ है.हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व को स्थगित करने के बाद हरिद्वार के व्यापारियों में रोष है.जिसको लेकर व्यापारियों ने प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया. ऑल इंडिया उद्योग व्यापार के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा का कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान हरिद्वार का व्यापारी राज्य सरकार से गुहार लगा रहा है कि लॉकडाउन की अवधि में बिजली, पानी का बिल और बच्चों की स्कूल फीस माफ की जाए.

पढ़ें-शादी के लिए मिलने वाला अनुदान समाज कल्याण विभाग में अटका, नहीं मिली मंजूरी

एक तरफ राज्य सरकार इन मांगों पर विचार नहीं कर रही है और अब हरिद्वार में हर महीने पढ़ने वाले गंगा स्नान को भी स्थगित किया जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा 30 तारीख को पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित कर दिया गया. इससे हरिद्वार के व्यापारियों का काफी नुकसान हो रहा है यह न्याय संगत नहीं है. इस पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए. कोरोना के बचाव के संसाधन के लिए व्यापारी भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं. इसलिए सरकार को नियम शर्तों के साथ गंगा स्नान की अनुमति देनी चाहिए. वहीं जिला प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने और निर्देशों का पालन न किए जाने पर आपदा प्रबंधक एक्ट में कार्रवाई करने की बात कही है.

पढ़ें-मुख्य सचिव ने अगले वित्तीय वर्ष से पहले सभी जिलों का डिजिटलाइजेशन करने का रखा लक्ष्य

30 नवंबर को हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान प्रतिबंध के संबंध में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने लोगों से विशेष अपील की. उन्होंने लोगों को प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है और कोरोनाकाल में अपने घरों में ही रहकर मां गंगा का स्मरण कर स्नान करने की अपील की है. साथ ही अनुरोध किया है कि 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर स्नान करने हरिद्वार न आएं.

हरिद्वार पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. विशाखा का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर उनके पास संस्तुति आ गई है. लोगों को गंगा स्नान की अमुमति नहीं है, अगर कोई इसका अनुपालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जाएगी.

हरिद्वार: राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हरिद्वार में 30 नवंबर को पढ़ने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर हरिद्वार के व्यापारी और गंगा सभा के लोग आक्रोशित हैं. व्यापारियों और गंगा सभा ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. जिसके खिलाफ व्यापारियों ने प्रदर्शन कर अपना रोष जताया. गुस्साए व्यापारियों ने सरकार से की मांग जब कुंभ मेले को राज्य सरकार कराने की बात कर रहा है तो हर महीने पढ़ने वाले गंगा स्नान को स्थगित किया जा रहा है. इससे व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है.

कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित होने से व्यापारियों में रोष.

गौर हो कि इस वर्ष, कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को मनाई जाएगी. इसी दिन से कार्तिक माह का स्नान प्रारंभ हो जाएगा. वहीं हरिद्वार पुलिस प्रशासन पूरी शक्ति से स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं को आने से रोकने की तैयारी में जुटा है, जिससे व्यापारियों का पारा चढ़ा हुआ है.हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व को स्थगित करने के बाद हरिद्वार के व्यापारियों में रोष है.जिसको लेकर व्यापारियों ने प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया. ऑल इंडिया उद्योग व्यापार के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा का कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान हरिद्वार का व्यापारी राज्य सरकार से गुहार लगा रहा है कि लॉकडाउन की अवधि में बिजली, पानी का बिल और बच्चों की स्कूल फीस माफ की जाए.

पढ़ें-शादी के लिए मिलने वाला अनुदान समाज कल्याण विभाग में अटका, नहीं मिली मंजूरी

एक तरफ राज्य सरकार इन मांगों पर विचार नहीं कर रही है और अब हरिद्वार में हर महीने पढ़ने वाले गंगा स्नान को भी स्थगित किया जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा 30 तारीख को पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित कर दिया गया. इससे हरिद्वार के व्यापारियों का काफी नुकसान हो रहा है यह न्याय संगत नहीं है. इस पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए. कोरोना के बचाव के संसाधन के लिए व्यापारी भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं. इसलिए सरकार को नियम शर्तों के साथ गंगा स्नान की अनुमति देनी चाहिए. वहीं जिला प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने और निर्देशों का पालन न किए जाने पर आपदा प्रबंधक एक्ट में कार्रवाई करने की बात कही है.

पढ़ें-मुख्य सचिव ने अगले वित्तीय वर्ष से पहले सभी जिलों का डिजिटलाइजेशन करने का रखा लक्ष्य

30 नवंबर को हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान प्रतिबंध के संबंध में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने लोगों से विशेष अपील की. उन्होंने लोगों को प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है और कोरोनाकाल में अपने घरों में ही रहकर मां गंगा का स्मरण कर स्नान करने की अपील की है. साथ ही अनुरोध किया है कि 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर स्नान करने हरिद्वार न आएं.

हरिद्वार पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. विशाखा का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर उनके पास संस्तुति आ गई है. लोगों को गंगा स्नान की अमुमति नहीं है, अगर कोई इसका अनुपालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Nov 28, 2020, 7:26 PM IST
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