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नाइट क्लब बनी धर्मनगरी, कांवड़ में DJ कसाना और DJ रावण हैं आकर्षण का केंद्र, 5 लाख से करोड़ तक है कीमत

धर्मनगरी की सड़कों पर कांवड़ियों का हुजूम है. यहां हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष लग रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर यहां की फिजाओं में शिव के भजन भी गूंज रहे हैं. कांवड़िए अपनी यात्रा में बड़े बड़े डीजे लेकर साथ चल रहे हैं. इनके भव्य डीजे सिस्टम पर बॉलीवुड नंबर नहीं शिव के भजन बज रहे हैं.

Kanwariyas are traveling with big DJ systems with Bhajans of Shiva.
बड़े-बड़े डीजे सिस्टम लेकर यात्रा कर रहे कांवड़िए
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Published : Jul 23, 2022, 4:55 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 6:25 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार इन दिनों शिव भक्त कावड़ियों के रंग में रंगी हुई है. जहां देखो भोले के भक्त दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं पूरी धर्मनगरी इन दिनों भगवामई दिखाई दे रही है. हरिद्वार में इन दिनों से शिव भक्त कावड़ियों द्वारा लाए जा रहे डीजे सिस्टम भी काफी चर्चाएं बटोर रहे हैं. यह डीजे सिस्टम इतने विशालकाय और भव्य हैं कि लोग इन्हें देख कर वहीं रुक जाते हैं. धर्मनगरी हरिद्वार में अगर रात की बात करें तो इन दिनों पूरी की पूरी धर्म नगरी नाइट क्लब में तब्दील हो गई है. हर जगह कांवड़िये अपने डीजे सिस्टम लगाकर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि वहां बॉलीवुड गानों की जगह भगवान भोले के भजन बज रहे हैं.

इतना ही नहीं कावड़ियों का इन डीजे सिस्टम के माध्यमों से एक दूसरे में भी कंपटीशन होता है. इसलिए हर कोई हर तरह से अपने आप को बेहतर दिखाना चाहता है. यही कारण है कि अब हरिद्वार में बड़े और विशालकाय डीजे सिस्टम लेकर कांवड़िए चलने लगे हैं. अगर केवल डीजे की ही बात करें तो 5,00,000 से शुरू होकर इसकी कीमत करोड़ों तक चली जाती है. इनमें डीजे कसाना, डीजे रावण, डीजे धड़कन हैं, जिन्हें देखने के लिए हरिद्वार वासियों के साथ ही अन्य लोगों की भीड़ लग जाती है. सबको इसे सुनने का इंतजार रहता है. इन डीजेस का साउंड सिस्टम और क्वालिटी इतनी साफ होती है कि ये नाइट क्लब में चलने वाले डीजे को भी मात देते नजर आते हैं.

बड़े-बड़े डीजे सिस्टम लेकर यात्रा कर रहे कांवड़िए

पढ़ें- सचिवालय सेवा से जुड़े अधिकारियों के प्रमोशन, 7 अधिकारियों का बढ़ा कद

वहीं, जब कांवड़ियों से इतने विशालकाय डीजे लगवाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा यह भोले की भक्ति में डूब जाने का एक साधन है. कई लोग इसे मनोरंजन व हुड़दंग बाजी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. मगर हम इसे भोले की भक्ति में लीन होने के लिए इस्तेमाल करते हैं. जब यह अपनी ध्वनि से भोले के भजन सुनाता है तो मानो ऐसा लगता है कि अब भोले की भक्ति में लीन हो जाओ. उन्होंने कहा इसे सुनने के बाद पैर अपने आप थिरकने लगते हैं. इससे पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान सभी कांवड़ियों में उत्साह और जोश बना रहता है. इतना ही नहीं इसके माध्यम से हम अपने क्षेत्र को भी प्रदर्शित करते हैं.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार इन दिनों शिव भक्त कावड़ियों के रंग में रंगी हुई है. जहां देखो भोले के भक्त दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं पूरी धर्मनगरी इन दिनों भगवामई दिखाई दे रही है. हरिद्वार में इन दिनों से शिव भक्त कावड़ियों द्वारा लाए जा रहे डीजे सिस्टम भी काफी चर्चाएं बटोर रहे हैं. यह डीजे सिस्टम इतने विशालकाय और भव्य हैं कि लोग इन्हें देख कर वहीं रुक जाते हैं. धर्मनगरी हरिद्वार में अगर रात की बात करें तो इन दिनों पूरी की पूरी धर्म नगरी नाइट क्लब में तब्दील हो गई है. हर जगह कांवड़िये अपने डीजे सिस्टम लगाकर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि वहां बॉलीवुड गानों की जगह भगवान भोले के भजन बज रहे हैं.

इतना ही नहीं कावड़ियों का इन डीजे सिस्टम के माध्यमों से एक दूसरे में भी कंपटीशन होता है. इसलिए हर कोई हर तरह से अपने आप को बेहतर दिखाना चाहता है. यही कारण है कि अब हरिद्वार में बड़े और विशालकाय डीजे सिस्टम लेकर कांवड़िए चलने लगे हैं. अगर केवल डीजे की ही बात करें तो 5,00,000 से शुरू होकर इसकी कीमत करोड़ों तक चली जाती है. इनमें डीजे कसाना, डीजे रावण, डीजे धड़कन हैं, जिन्हें देखने के लिए हरिद्वार वासियों के साथ ही अन्य लोगों की भीड़ लग जाती है. सबको इसे सुनने का इंतजार रहता है. इन डीजेस का साउंड सिस्टम और क्वालिटी इतनी साफ होती है कि ये नाइट क्लब में चलने वाले डीजे को भी मात देते नजर आते हैं.

बड़े-बड़े डीजे सिस्टम लेकर यात्रा कर रहे कांवड़िए

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वहीं, जब कांवड़ियों से इतने विशालकाय डीजे लगवाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा यह भोले की भक्ति में डूब जाने का एक साधन है. कई लोग इसे मनोरंजन व हुड़दंग बाजी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. मगर हम इसे भोले की भक्ति में लीन होने के लिए इस्तेमाल करते हैं. जब यह अपनी ध्वनि से भोले के भजन सुनाता है तो मानो ऐसा लगता है कि अब भोले की भक्ति में लीन हो जाओ. उन्होंने कहा इसे सुनने के बाद पैर अपने आप थिरकने लगते हैं. इससे पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान सभी कांवड़ियों में उत्साह और जोश बना रहता है. इतना ही नहीं इसके माध्यम से हम अपने क्षेत्र को भी प्रदर्शित करते हैं.

Last Updated : Jul 23, 2022, 6:25 PM IST
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