हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हरिद्वार लौटे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज काफी प्रसन्न दिखे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी द्वारा आदि जगतगुरु शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण करना दर्शाता है कि वह हमारे धर्म व संस्कृति से कितना जुड़े हुए हैं ?
कैलाशानंद गिरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है, जो कि साफ दिखता है. प्रधानमंत्री को पलायन की चिंता काफी है. इसके लिए उन्होंने बताया कि जल्द ही ऐसी व्यवस्था हो जाएगी कि सभी लोग गाड़ी लेकर केदारनाथ धाम तक पहुंच पाएंगे. इतना नहीं उन्होंने पहाड़ के पानी और जवानी को लेकर भी चिंता जताई है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पलायन की चिंता काफी है. इसके लिए उन्होंने बताया कि जल्द ही ऐसी व्यवस्था हो जाएगी कि सभी लोग गाड़ी लेकर केदारनाथ धाम तक पहुंच पाएंगे, इतना नहीं उन्होंने पहाड़ के पानी और जवानी को लेकर भी चिंता जताई है. कैलाशानंद गिरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में श्लोक ओर चौपाइयों भी बोली गयी हैं, जिसे सुनकर काफी प्रसन्नता हो रही है.
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बता दें, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में अखाड़ों से जुड़े कई साधु संतों को बुलाया गया था लेकिन दीपावली होने के कारण सभी साधु संत नहीं पहुंच पाए लेकिन निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाश आनंद गिरि व आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरी केदारनाथ पहुंचे थे, जिसके बाद वह हरिद्वार में हेलीकॉप्टर से भल्ला कॉलेज स्टेडियम में उतरे.
केदारनाथ धाम में शंकराचार्य की प्रतिमा की पुनर्स्थापना: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम पहुंचकर आदि गुरु शंकराचार्य के प्रतिमा की पुनर्स्थापना की. इस मौके पर पीएम ने कहा कि भारतवर्ष की महा ऋषि परंपरा रही है. आज भी देश के हर कोने में संत और आध्यात्मिक गुरु सनातन धर्म की चेतना को जगाते रहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि संत-महात्माओं का नामोल्लेख करूं तो एक हफ्ता भी कम पड़ेगा. पीएम ने कहा कि किसी संत-महात्मा का नाम छूटेगा तो पाप होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि साधु-महात्माओं का आशीर्वाद हमें मिलेगा. हमारे कार्य सकुशल संपन्न होने के लिए उनका आशीर्वाद मिलता रहेगा.