हरिद्वार: बिहार की लोकगायिका नेहा राठौर का गाना 'यूपी में का बा' इन दिनों सोशल मीडिया के साथ-साथ लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. इस गाने ने यूपी के चुनाव की सरगर्मियां बढ़ा दी हैं. अब उत्तराखंड की राजनीति में भी काबा की एंट्री हो गई है. हरिद्वार के रहने वाले सत्यदेव सोनी ने भी काबा गीत का एक नया वर्जन लिखा है. जिसमें उन्होंने जनता और विपक्ष की आवाज बनने का प्रयास किया है.
हरिद्वार के रहने वाले सत्यदेव सोनी ने काबा के जरिये कभी सरकार के कामों पर सवाल उठा रहे हैं तो कभी वे उपलब्धियां गिना कर तारीफ कर रहे हैं. सत्यदेव सोनी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. वे हरिद्वार भेल में कार्यरत हैं. इन्होंने नेहा सिंह राठौर के काबा से प्रेरित होकर ही उत्तराखंड में 'काबा' लिखा है.
उत्तराखंड में 'काबा'?
हंगाई की मार बा,बेरोजगारी अपार बा
दुर्गम पहाड़ यहां, मुश्किल निस्तार बा
झूठे विकास का कर रहे दावा, उत्तराखंड में काबा
कोरोना की मार बा, घटा रोजगार बा
पलायन को मजबूर, यहां कामगार बा
आपदा में अवसर के राग न सुनाबा, उत्तराखंड में काबा?
टूटते आधार बा, जीना दुश्वार बा
तीन-तीन सी एम हुए, ऐसी सरकार बा लापता विकास को, भेज दो बुला बा
उत्तराखंड में काबा.
ठप्प व्यापार बा, जीएसटी प्रहार बा
शिक्षा और स्वास्थ्य नीति, नहीं कारगार बा
खाली बा सिलेंडर ,गैस तो भरा बा, उत्तराखंड में काबा
सत्यदेव सोनी की दूसरी कविता
उत्तराखंड में सब बा, बदरी केदार बा
गंगा के धार बा, उत्तराखंड देवभूमि
यहीं हरिद्वार बा, तीर्थों का हब बा, उत्तराखंड में सब बा
धाम यहां चार बा, पुण्य भूमि सार बा,तीरथ त्रिवेंद्र यहां,
धामी सरकार बा,प्रधानमंत्री गजब बा,उत्तराखंड में सब बा
टिहरी गढ़वाल बा, झील नैनी ताल बा, मसूरी में मेला लागे
यहां हर साल बा, रानी खेत भूले कब बा, उत्तराखंड में सब बा
सीधे साधे लोग बा, छप्पन हैं भोग बा, रामदेव कर रहे,
बैठे -बैठे योग बा, शुचिता के नभ बा, उत्तराखंड में सब बा
मनसा मां चंडी बा, नागा साधु दंडी बा, महाकुंभ नगरी ये,
रहती अखंडी बा, प्रकृति रही फब बा, उत्तराखंड में सब बा
नीलकण्ठ भोला बा, सीधा साधा चोला बा,अद्भुत ऋषिकेश बड़ा
देख मन डोला बा,बसें यहां रब बा, उत्तराखंड में सब बा
हिमगिरि का माथ बा,गोमुख का साथ बा,जीवन संवार रही
जल औषधि हाथ बा, वीर बड़े बब्बा,उत्तराखंड में सब बा
बिजली बा पानी बा, जंगल जवानी बा
घर -घर में शौचालय, सुविधा आसानी बा
जीवन सुलभ बा, उत्तराखंड में सब बा
सैनिक को मान बा, निर्धन को मकान बा
पहाड़न में रेल के भी, बन रहे वितान बा नित्य विकास का
बढ़ता अदब बा, उत्तराखंड में सब बा
आदर सत्कार बा, प्रकृति के दुलार बा
सबसे हो निश्छल, उत्तराखंड के प्यार बा
करे दुनिया लव बा, उत्तराखंड में सब बा