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सेना-ग्रामीण रास्ता विवाद : अफवाहों की वजह से हुआ था पथराव

रुड़की के टोडा कल्याणपुर गांव में आर्मी कैंट के गेट पर रास्ता खोलने की मांग को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने सेना क्षेत्र में पथराव किया था. जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई. इसके बाद ही पथराव शुरू हुआ.

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Published : May 8, 2020, 9:26 AM IST

Updated : May 8, 2020, 3:07 PM IST

रुड़की: टोडा कल्याणपुर गांव का रास्ता बंद करने को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों और सेना के बीच हुए पथराव मामले की जांच रहे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल के सामने कई तथ्य आए हैं. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि सेना द्वारा रास्ता बंद किए जाने को लेकर कुछ लोगों ने गांव में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई थीं. इस वजह से भीड़ उग्र हुई थी. जबकि सेना ने सिर्फ लॉकडाउन में सुरक्षा की दृष्टि से कुछ समय के लिए वो रास्ता बंद किया था.

फवाहों की वजह से हुआ था पथराव.

दरअसल, सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के टोडा कल्याणपुर समेत कई कॉलोनियों का रास्ता सेना परिसर से होकर गुजरता है. इसे लेकर ग्रामीणों और सेना में पुराना विवाद चला आ रहा है. लॉकडाउन के चलते 22 मार्च को सेना ने ये रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया था. उस समय भी ग्रामीणों ने विरोध किया था, लेकिन तब मामला शांत हो गया था. गुरुवार को अचानक सैकड़ों ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और मौके पर जाकर रास्ता खोलने का प्रयास करने लगे. इस पर सेना ने आपत्ति जताई तो दोनों के बीच विवाद हो गया.

roorkee
हंगामा करते ग्रामीण

इस दौरान सेना और ग्रामीणों के बीच पत्थरबाजी भी हुई. मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया और मामले का जैसे-तैसे शांत कराया है. हालांकि इस दौरान कई ग्रामीण घायल हो गए थे.

पढ़ें- रुड़कीः सेना और ग्रामीणों में पथराव, चार महिलाओं समेत छह ग्रामीण चोटिल

मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल की दी गई थी. पुलिस और प्रशासन इस बात की जानकारी भी जुटाने में लगा हुआ है कि आखिर इतनी जल्दी भीड़ कैसे जमा हो गई थी. साथ ही पथराव पहले किसी तरफ से किया गया था और वो कौन लोग हैं जिन्होंने अफवाह फैलाई थी, जिसकी वजह से भीड़ उग्र हुई.

इस मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बंसल का कहना है कि सेना के अधिकारियों से उनकी लगातार रास्ते को लेकर वार्ता होती रही है. लॉकडाउन में सुरक्षा की दृष्टि से रास्ते को बंद किया गया था. उन्होंने सेना के अधिकारियों से वार्ता कर एक एम्बुलेंस गांव में बीमार लोगों को लाने-ले-जाने के लिए भेजी है. साथ ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे लॉकडाउन का पालन करें और कानून-व्यवस्था अपने हाथ में न लें.

पढ़ें- रुड़की: लॉकडाउन का दूध कारोबारियों पर असर, 75 प्रतिशत घटा कारोबार

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने साफ किया है कि कुछ लोगों ने सेना द्वारा रास्ता बंद किये जाने को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई हैं. इस वजह से ये हंगामा हुआ था. अफवाह फैलाई गई कि पहले सेना ने लॉकडाउन में सुरक्षा की दृष्टि से कुछ समय के लिए रास्ता बंद किया है. लेकिन अब रास्ता परमानेंट बंद हो चुका है. अब पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है जिन्होंने पथराव किया था.

रुड़की: टोडा कल्याणपुर गांव का रास्ता बंद करने को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों और सेना के बीच हुए पथराव मामले की जांच रहे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल के सामने कई तथ्य आए हैं. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि सेना द्वारा रास्ता बंद किए जाने को लेकर कुछ लोगों ने गांव में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई थीं. इस वजह से भीड़ उग्र हुई थी. जबकि सेना ने सिर्फ लॉकडाउन में सुरक्षा की दृष्टि से कुछ समय के लिए वो रास्ता बंद किया था.

फवाहों की वजह से हुआ था पथराव.

दरअसल, सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के टोडा कल्याणपुर समेत कई कॉलोनियों का रास्ता सेना परिसर से होकर गुजरता है. इसे लेकर ग्रामीणों और सेना में पुराना विवाद चला आ रहा है. लॉकडाउन के चलते 22 मार्च को सेना ने ये रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया था. उस समय भी ग्रामीणों ने विरोध किया था, लेकिन तब मामला शांत हो गया था. गुरुवार को अचानक सैकड़ों ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और मौके पर जाकर रास्ता खोलने का प्रयास करने लगे. इस पर सेना ने आपत्ति जताई तो दोनों के बीच विवाद हो गया.

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हंगामा करते ग्रामीण

इस दौरान सेना और ग्रामीणों के बीच पत्थरबाजी भी हुई. मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया और मामले का जैसे-तैसे शांत कराया है. हालांकि इस दौरान कई ग्रामीण घायल हो गए थे.

पढ़ें- रुड़कीः सेना और ग्रामीणों में पथराव, चार महिलाओं समेत छह ग्रामीण चोटिल

मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल की दी गई थी. पुलिस और प्रशासन इस बात की जानकारी भी जुटाने में लगा हुआ है कि आखिर इतनी जल्दी भीड़ कैसे जमा हो गई थी. साथ ही पथराव पहले किसी तरफ से किया गया था और वो कौन लोग हैं जिन्होंने अफवाह फैलाई थी, जिसकी वजह से भीड़ उग्र हुई.

इस मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बंसल का कहना है कि सेना के अधिकारियों से उनकी लगातार रास्ते को लेकर वार्ता होती रही है. लॉकडाउन में सुरक्षा की दृष्टि से रास्ते को बंद किया गया था. उन्होंने सेना के अधिकारियों से वार्ता कर एक एम्बुलेंस गांव में बीमार लोगों को लाने-ले-जाने के लिए भेजी है. साथ ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे लॉकडाउन का पालन करें और कानून-व्यवस्था अपने हाथ में न लें.

पढ़ें- रुड़की: लॉकडाउन का दूध कारोबारियों पर असर, 75 प्रतिशत घटा कारोबार

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने साफ किया है कि कुछ लोगों ने सेना द्वारा रास्ता बंद किये जाने को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई हैं. इस वजह से ये हंगामा हुआ था. अफवाह फैलाई गई कि पहले सेना ने लॉकडाउन में सुरक्षा की दृष्टि से कुछ समय के लिए रास्ता बंद किया है. लेकिन अब रास्ता परमानेंट बंद हो चुका है. अब पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है जिन्होंने पथराव किया था.

Last Updated : May 8, 2020, 3:07 PM IST
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